जितनी बार पकड़े जाएं 5 हजार का जुर्माना, उसके बावजूद खतरनाक कुत्ते पाल रहे लोग
हाल के वर्षों में कुत्तों की वजह से समाज में लड़ाई-झगड़े काफी बढ़े हैं। इसके पीछे एक तरफ कुत्ता प्रेमी हैं, जो कुत्तों के प्रेम में भूल जाते हैं कि ये कुत्ते दूसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और दूसरी तरफ कुत्तों के काटने से पीड़ित लोग। कुछ नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध होने के बावजूद लोग उन्हें पाल रहे हैं।
प्रतिबंधित नस्ल के कुत्ते
गाजियाबाद : कुछ खतरनाक नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दिया गया है। इन नस्ल के कुत्तों के मालिकों को रजिस्ट्रेशन के लिए समय दिया गया, लेकिन इसके बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं। पंजीकरण बंद होने के बाद भी वह इन खतरनाक नस्ल के कुत्तों को पाल रहे हैं। गाजियाबाद नगर निगम इस तरह से खुलेआम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए उन पर पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगा रहा है। लेकिन लोग इसके बावजूद मानने को तैयार नहीं हैं।
इन नस्लों पर लगा प्रतिबंधगाजियाबाद नगर निगम ने दो साल पहले ही पिटबुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटीनो नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हिंदुस्तान दैनिक अखबार के अनुसार उस समय निगम की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव भी पास हुआ था कि इन नस्लों को पालने वालों के खिलाफ पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रतिबंध लगने से पहले इन नस्लों के कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया गया था, लेकिन उस समय सिर्फ 800 कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन हो सका था।
लेकिन पिछले दो वर्षों में इन प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों की संख्या शहर में लगातार बढ़ती जा रही है। निगम अपनी तरफ से सख्ती दिखाते हुए इन नस्लों के कुत्तों को पालने वालों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाता है। लेकिन इसके बावजूद लोग इन नस्लों के कुत्तों को पाल रहे हैं। नगर निगम की सख्ती का इन लोगों को किसी तरह का कोई ्सर नहीं हो रहा।
लापरवाह कुत्ता मालिकप्रतिबंध के बावजूद लोग लोग पिटबुल, सेंटविलर और डोगों अर्जेंटीनी कुत्ते पाल रहे हैं। ऐसे खतरनाक कुत्तों को पालने वाले लोग उन्हें टहलाते समय बड़ी लापरवाही बरतते हैं। उनकी इस लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है, जब कुत्ते उन्हें काटकर घायल कर देते हैं। कुत्तों के हमले की वजह से पिछले कुछ समय लोगों में झगड़े भी बढ़े हैं।
हर बार जुर्माना, फिर भी पाल रहे ऐसे कुत्तेगाजियाबाद नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी एवं कल्याण अधिकारी, डॉक्टर आशीष त्रिपाठी का कहना है कि प्रबंधित नस्ल के कुत्तों बिना रजिस्ट्रेशन के पालने वालों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। जितनी बार भी निगम की टीम ऐसे लोगों को पकड़ेगी, उतनी बार उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन लोग ऐसे प्रतिबंधित नस्ल के खूंखार कुत्तों को पालने से बाज नहीं आ रहे।
मासूमों के लिए आतंक बने कुत्तेकुत्ते पिछले कुछ समय से सोसाइटी और गली-मोह्ललों में आतंक का दूसरा नाम बन गए हैं। मासूम बच्चे इनका आसान शिकार बन जाते हैं। महिलाएं, बड़े, बुजुर्गों तक को यह आसानी से काटकर घायल कर देते हैं। हालिया घटना कैला भट्टा के वार्ड-93 की है। यहां कुत्तों का बड़ा आतंक है। स्थानीय लोगों में कुत्तों को लेकर बड़ा आतंक है। मंगलवार को ही यहां जमीला नाम की एक महिला के पैर में काटकर कुत्ते ने उसे बुरी तरह घायल कर दिया। महिला ने बताया कि जिस समय उस पर कुत्ते ने हमला किया, उस समय वह घर से बाहर जा रही थी। यहां लावारिस कुत्तों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
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खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
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