Ghaziabad: पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आया एमपासपोर्ट पुलिस एप, गाजियाबाद समेत इन जिलों को फायदा
Ghaziabad: विदेश मंत्रालय की तरफ से शुरू किया गया ‘एमपासपोर्ट पुलिस एप’ गाजियाबाद के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है। यहां के रिजिनल ऑफिस में करीब 10 हजार आवेदन पुलिस वेरिफिकेशन में देरी के कारण लटके पड़े हैं। अभी इसमें दो सप्ताह से लेकर महीनों तक का समय लगता है, लेकिन अब यही कार्य पांच दिनों में हो जाएगा।
गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस
- गाजियाबाद के रिजनल पासपोर्ट ऑफिस से जुड़े यूपी के 13 जिले
- इस ऑफिस में 20 आवेदन लंबित, पुलिस वेरिफिकेशन बड़ी वजह
- इस ऐप से अब मिलेगी आवदेनों के जल्द निपटारे में मदद
Ghaziabad: मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स यानी विदेश मंत्रालय की तरफ से बीते सप्ताह शुरू किये गए ‘एमपासपोर्ट पुलिस एप’ का गाजियाबाद के लोगों को बड़ा लाभ मिलने वाला है। गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से संबंधित 13 जिलो के करीब दस दजार आवेदकों का आवेदन लंबे समय से पुलिस वेरिफिकेशन की वजह से लटका हुआ है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस ऐप के शुरू होने से अब इन लंबित आवेदनों को गति देने में मदद मिलेगी। गाजियाबाद के रिजनल पासपोर्ट अधिकारी सुब्रतो हाजरा ने बताया कि करीब 10 हजार आवेदन पुलिस रिपोर्ट में हो रही देरी के कारण विभिन्न विभाग में लंबित हैं। इस ऐप के आने से अब सभी आवेदकों को जल्द पासपोर्ट दिलाने में मदद मिलेगी।
बता दें कि गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में 13 जिले के लोगों का पासपोर्ट बनता है। इनमें गाजियाबाद के अलावा मथुरा, नोएडा, आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर जैसे प्रमुख जिलें शामिल हैं। इन सभी जिलों से इस पासपोर्ट ऑफिस में रोजाना करीब 15 सौ आवेदन आता है। इन आवेदनों को अगले दिन ही पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेज दिया जाता है। पुलिस वेफिफिकेशन होने के बाद पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। अधिकारियों के अनुसार गाजियाबाद के पासपोर्ट कार्यालय में अभी करीब 20 हजार आवेदन लंबित है, इसमें करीब आधे आवेदनों के लंबित होने का कारण पुलिस वेरिफिकेशन है।
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अभी लगता है महीनों, अब होगा मात्र पांच दिन मेंबता दें कि गाजियाबाद और नोएडा जैसी जगहों पर एजुकेशन हासिल करने या नौकरी करने के लिए दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ये लोग जब यहां के ऑफिस में पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं तो उनकी पुलिस जांच उनके संबंधित राज्य से कराई जाती है। कई ऐसे राज्य या दूर-दराज के जगह हैं जहां से पुलिस रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस पासपोर्ट की जांच करने के सामान्य तौर पर 14 से 21 दिन का समय लगता है। दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र की पुलिस रिपोर्ट जल्द हो जाती है, लेकिन दूसरे राज्यों व दूर दराज के क्षेत्र की पुलिस से वेरिफिकेशन होने में महीनों का समय लग जाता है। इसकी वजह से लंबित फाइलों की संख्या बढ़ती जाती है। अब एमपासपोर्ट पुलिस एप के जरिए देश के किसी भी कोने से पुलिस मात्र पांच दिन में अपनी रिपोर्ट भेजने में सक्षम होगी।
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