Ghaziabad News: नोएडा से गाजियाबाद मेट्रो विस्तार के लिए फंड शेयरिंग पर बनी सहमति, जानें किन लोगों को मिलेगा फायदा

Ghaziabad News: नोएडा से गाजियाबाद ब्लू लाइन मेट्रो विस्तार के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 50-50 फंड शेयरिंग फॉर्मूला पर एजेंसियों ने अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद ये योजना को बढ़ावा मिलेगा और नोएडा से गाजियाबाद यात्रा करने वाले लोगों को इसका लाभ होगा।

Noida Ghaziabad Blue Line Metro GDA and UP Housing Board agreed to fund sharing formula

नोएडा से गाजियाबाद मेट्रो विस्तार के लिए फंड शेयरिंग पर बनी सहमति

Ghaziabad News: गाजियाबाद तक मेट्रो के विस्तार की बात चल रही है। नोएडा से गाजियाबाद ब्लू लाइन के विस्तार के लिए 50-50 फंड शेयरिंग का फॉर्मूला दिया गया था। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और उत्तर प्रदेश के हाउसिंग बोर्ड ने फंड शेयरिंग के इस फॉर्मूले पर अपनी सहमति व्यक्त की है। नोएडा से गाजियाबाद जाने वाले लोगों के लिए ये किसी खुशखबरी से कम नहीं है। बता दें कि एनसीआर में नोएडा और गाजियाबाद दोनों ही ऐसे शहर है जो सबसे व्यस्त रहते हैं। ऐसे में इन दोनों के बीच कनेक्टिविटी आवश्यक है। इस काम को सबसे बेहतर और अच्छा बनाने के लिए लंबे समय से एक समाधान खोजा जा रहा है, जो अब मिल गया है।

कहां से कहां तक होगा विस्तार

नोएडा से गाजियाबाद का ये विस्तार द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी कॉरिडोर को इंदिरापुरम और वैशाली से होते हुए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद के साहिबाबाद तक ले जाया जाएगा। ये विस्तार ना केवल लोगों के लिए बल्कि मेट्रो और रैपिड रेल के बीच से गुजरना के लिए आवश्यक है। इसका एक स्टेशन पहले से ही साहिबाबाद में है। जानकारी के लिए बता दें कि, ब्लू लाइन की एक शाखा नोएडा जाती है तो दूसरी शाखा द्वारका से वैशाली तक जाती है। इस विस्तार के बाद दूसरी शाखा का इंटरफेस रैपिड रेल के साथ होगा, लेकिन ये इंटरफेस आनंद विहार में होगा।

एजेंसी में असहमति से प्रभावित हुई प्रगति

नोएडा से गाजियाबाद 50-50 फंड शेयरिंग के फॉर्मूलाा को लेकर एजेंसियों के बीच असहमति के कारण मेट्रो के विस्तार की प्रगति बहुत प्रभावित हुई है। जानकारी के अनुसार यूपी सरकार, केंद्र सरकार, जीडीए, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के बीच परियोजना की लागत की शेयरिंग होनी थी। इसमें यूपी सरकार लागत का 50 प्रतिशत, केंद्र सरकार लागत का 20 प्रतिशत हिस्से के वहन कर रही थी। बचा हुआ 30 प्रतिशत जीडीए, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जाना था। लेकिन राज्य सरकार ने इसके अस्वीकार कर दिया। लंबी चर्चा और परामर्श के बाद अब 1,517 करोड़ की इस परियोजना का 80 प्रतिशत का राज्य, जीडीए, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा और पहले की तरह की ही 20 प्रतिशत लागत का वहन केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अब दिल्ली मेट्रो इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद तक के रूट की एक नई रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

फंड शेयरिंग में समान होगा सबका योगदान

फंड शेयरिंग में जीडीए और हाउसिंग बोर्ड का समान योगदान होगा। जीडीए के उपाध्यक्ष और गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट आरके सिंह से इस संबंध में सवाल किए गए तो उन्होंने बताया कि “कॉरिडोर का अधिकांश हिस्सा इंदिरापुरम टाउनशिप से गुजरने की संभावना है, जिसे जीडीए द्वारा प्रशासित किया जाता है, और वसुंधरा, जिसका रखरखाव हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जाता है। इसलिए, यह तर्कसंगत है कि ये दोनों एजेंसियां समान योगदान दें।"

विस्तार के लिए कर्ज लेगा जीडीए

आरके सिंह द्वारा दी जानकारी के अनुसार जीडीए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है। उनका कहना है कि “हम पहले से ही हिंडन एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपये का ऋण ले रहे हैं। अब जब हमने उस राशि का 90% भुगतान कर दिया है, तो हम मेट्रो विस्तार परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये और लेने की योजना बना रहे हैं।" वह उम्मीद कर रहे हैं कि ऋण के लिए उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया जाएगा।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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