'सौर शहर' बनेगी NCR की ये City, घर पर सोलर सिस्टम लगाना होगा अनिवार्य; इतने रुपये की होगी कमाई

यूपी के गाजियाबाद में 100 वर्ग मीटर या उससे ऊपर के भूखंड पर घर बनाने वाले लोगों के लिए छतों पर सोलर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। सोलर सिस्टम लगाने के बाद ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) पूर्णतया प्रमाणपत्र (कंपलीट सार्टिफिकेट) सौंपेगा। आइये जानते हैं इसकी प्रक्रिया क्या है और इससे क्या लाभ होगा?

'सौर शहर' बनेगी NCR की ये City, घर पर सोलर सिस्टम लगाना होगा अनिवार्य; इतने रुपये की होगी कमाई

गाजियाबाद: जीडीए से 100 वर्ग मीटर या इससे ज्यादा के भूखंड का नक्शा पास करवाते हैं तो उस पर सोलर सिस्टम लगवाना अनिवार्य किया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में इसका प्रस्ताव बनाकर रखने की तैयारी कर रहा है। GDA का कहना है कि इस तरह के नियम से सोलर सिस्टम को लेकर लोगों में जागरूकता आएगी। सिस्टम लगाने के बाद ही घरों को पूर्णता प्रमाणपत्र (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) सौंपा जाएगा।

1 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करनी होगी

जीडीए सभी आवासीय प्लाटों के लिए सौर पैनल अनिवार्य बनाने के लिए अपने भवन उपनियमों में संशोधन करेगा। प्रस्तावित नियमों के तहत 100 वर्गमीटर और उससे अधिक के सभी प्लॉटों को कम से कम 1 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करनी होगी। दिसंबर के शुरुआत में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने अपने सौर पैनल स्थापना दिशानिर्देशों को संशोधित किया, ताकि पीएम सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत 1,00 वर्गमीटर या उससे अधिक के प्लॉट आकार वाली सभी आवासीय घरों के लिए छत पर सौर पैनल लगाना अनिवार्य हो।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने कहा कि बिल्डिंग मैप्स की मंजूरी सोलर पैनल के प्रावधान के अधीन होगी। अगर, प्रावधान नहीं किए गए तो कोई पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। प्राधिकरण ने अब टाउन प्लानर को एक मसौदा तैयार करने के लिए कहा है, जिसे अगली बैठक में बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम गाजियाबाद को 'सौर शहर' बनाने और साल 2027 तक शहर की कुल बिजली आवश्यकताओं का 10% से अधिक सौर ऊर्जा से पूरा करने की राज्य सरकार की योजना के अनुरूप है।

सौर शहर बनेंगे यूपी के 18 शहर

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) गाजियाबाद को सौर शहर के रूप में विकसित कर रही है। इस परियोजना में यूपी के 18 शहर शामिल हैं। फिलहाल, यूपीएनईडीए शहर के आवासीय, कामर्शियल, सरकारी, औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों की छतों पर सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) क्षमता का जायजा लिया है। इन सभी में करीब 2858 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।

कहां पैदा होगी कितनी सौर ऊर्जा

यूपीएनईडीए के मुताबिक, शहर के अकेले आवासीय घरों की छतों पर स्थापित सौर पैनलों से अनुमानित, 2014 मेगावाट बिजली प्राप्त की जा सकती है। वहीं, औद्योगिक स्थलों पर स्थापित पैनलों से 616 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है। 107 मेगावाट वाणिज्यिक भवनों से, 73 मेगावाट शैक्षणिक प्रतिष्ठानों से, 35 मेगावाट सरकारी कार्यालयों से और 14 मेगावाट स्वास्थ्य संबंधी संस्थानों से प्राप्त की जा सकती है।

कितनी मिलेगी सब्सिडी

जानकारी के मुताबिक, आवासीय क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप पैनल लगाने के लिए प्रति किलोवाट 14,588 रुपये केंद्रीय सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं। 3 किलोवाट से अधिक खपत पर सब्सिडी आधी होकर 7294 रुपये प्रति किलोवाट हो जाएगी। वहीं, राज्य सरकार 15,000 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी देती है, जो अधिकतम 30,000 रुपये प्रति किलोवाट है। तीन या चार बेडरूम वाले फ्लैट के लिए सोलर पैनल लगाने की अनुमानित लागत करीब 2 लाख रुपये है। नेट मीटरिंग की अवधारणा भी है, जिसके तहत अतिरिक्त या अप्रयुक्त सौर ऊर्जा को बिजली विभाग के मुख्य ग्रिड में भेजा जाएगा और बिलिंग के दौरान सब्सिडी दी जाएगी।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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