Air Pollution: सांसों पर प्रदूषण का पहरा, देश में गाजियाबाद की हवा सबसे प्रदूषित; ग्रेटर नोएडा नंबर 2 पर

Air Pollution: गाजियाबाद में पॉल्युशन का स्तर बढ़ता जा रहा है। एक्सपर्ट का अनुमान है कि इस बार सर्दियों में हाल और खराब हो सकता है। अभी एयर क्वालिटी इंडेक्स 257 के करीब रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण बढ़ने का कारण टूटी सड़कें और अवैध फैक्ट्रियां भी हैं-

Ghaziabad Pollution

यूपी में बढ़ता पॉल्युशन का कहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • यूपी में बढ़ा पॉल्युशन लेवल
  • गाजियाबाद सबसे प्रदूषित
  • ग्रेटर नोएडा दूसरे नंबर पर
Air Pollution: गाजियाबाद बुधवार को देश के सबसे पॉल्युटेड शहरों में रहा। यहां एयर इंडेक्स क्वालिटी (AQI) 275 रिकॉर्ड की गई है। वहीं इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ग्रेटर नोएडा शामिल है। गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ने को लेकर पर्यावरणविदों का कहना है कि जिले का पॉल्युशन लेवल बढ़ता जा रहा है। अभी सर्दियां शुरू भी नहीं हुई है और पॉल्युशन का बढ़ता स्तर साफ नजर आ रहा है। अभी से यह हाल है तो सर्दियों में तो इसका परिणाम काफी खराब हो जाएगा।
275 पर पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स
पर्यावरणविदों का कहना है कि प्रदूषण से बचने का प्रयास केवल कागजों पर ही नजर आता है। 201 से लेकर 300 तक का एयर इंडेक्स काफी खराब माना जाता है। अभी से यह शहरों का यह हाल है , जबकि अभी हरियाणा और पंजाब के पराली का असर तो शुरू ही नहीं हुआ है। जिसके बढ़ने से हर साल लोगों को कई तरह की दिक्कतों का समाना करना पड़ता है।
दिल्ली में पॉल्युशन का कारण
अगर कुछ साल पहले की बात करें तो इंस्टि्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (IIT) कानपुर की रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली में पॉल्युशन का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर उड़ने वाली धूल- मिट्टी है। और ऐसा ही कुछ हाल गाजियाबाद का भी है। यहां अभी भी सड़कों पर गड्ढे नजर आते हैं। उन सड़कों से गुजरने वाले लोग और वाहनों से धूल उड़ती रहती है, जो शहर के पॉल्युशन लेवल को बढ़ाने का कारण रहे हैं।
हवा में नमी बढ़ना भी एक वजह
यूपी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार हवा की रफ्तार बहुत हद तक धीमी पड़ गई है। हवा का स्तर ऊपर ही नहीं बढ़ रहा है। जिस वजह से यहां लो प्रेशर भी बना हुआ है। वहीं हवा में नमी के बढ़ने से धूल-मिट्टी चिपक जा रहे हैं और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। बारिश और हवा की स्थिति बेहतर होने से परिस्थिति में सुधार हो सकता है।
पुराने वाहन और टूटी सड़कों से बढ़ा स्तर
प्रदूषण बढ़ने का एक कारण अवैध फैक्ट्री भी है। लोनी देहात क्षेत्र में अवैध फैक्ट्रियों के अधिक नंबर में होने से भी प्रदूषण हमेशा से ज्यादा रहा है। वहीं यहां की टूटी सड़कों का भी इसमें योगदान है। वहीं यहां पुराने वाहनों की संख्या में अधिक है वो भी एक अहम कारण है। इन जगहों पर पुराने वाहनों को भी चलाया जाता है। ये भी एक वजह है कि हवा में पीएम-10 का लेवल बढ़ रहा है।
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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिटिक्स न्यूज कवर करती हैं। इसके अलावा वह डेवलपमेंट क...और देखें

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