Gorakhpur News: जिला अस्पताल में लगा कमीशन का घुन, मेडिकल स्टोर से दवा लेने का मरीजों पर डॉक्टरों का दबाव

Gorakhpur News: गोरखपुर जिला अस्पताल में कमीशन की घुन फिर लगने लगी है। यहां दवाओं के दलाल फिर सक्रिय हो गए हैं। मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए मरीजों पर दबाव बनाया जा रहा है।

मेडिकल स्टोर से दवा लेने का मरीजों पर डॉक्टरों का दबाव

Gorakhpur News: गोरखपुर जिला अस्पताल में दवाओं की दलाली शुरू हो गई है। कमीशन के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों पर मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। कमीशन के नाम पर यहां डॉक्टरों से अपनी मनमाफिक दवाएं लिखवाई जा रही हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि डॉक्टरों द्वारा मरीजों के पर्चे में लिखी गई सभी दवाएं जिला अस्पताल के स्टोर में उपलब्ध है। लेकिन उन दवाओं के बजाए मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए मरीजों पर दबाव बनाया जा रहा है। स्थिति ऐसी है कि जिला अस्पताल से दवा लेने पर डॉक्टर उन्हें वापस करने और मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कह रहे हैं।

दवा वापस करके मेडिकल स्टोर से लेने डाला दबाव

जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर जिला अस्पताल में ऑर्थो ओपीडी में दिखाने आई रागिनी बताती हैं कि डॉक्टर ने उन्हें देखने के बाद कैल्शियम, दर्द और गैस की दवा लेने के लिए कहा था। डॉक्टर ने दवाईयों के साथ ब्रांड का नाम भी लिखा था। रागिनी आगे बताती हैं कि जिला अस्पताल के दवा केंद्र से दवा लेने के बाद जब वह डॉक्टर को दिखाने गई तो डॉक्टर ने उन्हें कहा कि ये वो दवा नहीं है, जो उन्होंने लिखी है। डॉक्टर ने उन्हें दवा वापस करके मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कहा। रागिनी बताती हैं की वह जब दवा को वापस करने गई तो दवा केंद्र के कर्मचारी ने उन्हें बताया कि दवा वही है बस नाम का फर्क है। इस प्रकार की एक घटना तुर्रा बाजार की बबिता के साथ भी हुई। यहां आर्थो ओपीडी में डॉक्टर ने उन्हें भी मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए कहा। बबिता ने कहा कि वह अस्पताल 100 रुपये का खर्च करके पहुंची थी। डॉक्टर ने बाहर की दवा लिखी। मजबूरी में उन्हें 300 रुपये की दवा खरीदनी पड़ी।

बाहर की दवा लिखने का और मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए दबाव बनाने का ये मामला केवल ऑर्थो ओपीडी का ही नहीं है। यहां मेडिसिन ओपीडी में दिखाने आए मरीजों की भी यही शिकायत है। पनियरा बाजार से जिला अस्पताल में इलाज के लिए आए रामसेवक ने बताया कि उन्हें डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई 500 रुपये में खरीदनी पड़ी। मामले की जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर कहते हैं कि जिला अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध है। डॉक्टरों को जिला अस्पताल की दवाएं लिखने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों का पालन न करने वाले की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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