Gorakhpur-Siliguri Expressway : अब 9 घंटे में UP से पहुंचेंगे बंगाल, 3 राज्यों को 519 KM एक्सप्रेसवे की सौगात
Gorakhpur-Siliguri Expressway : सीएम सिटी गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक निर्माणाधीन 519 किलोमीटर एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए 32,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। आइये जानते हैं ये एक्सप्रेसवे किन शहरों को कवर करेगा?
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
Gorakhpur-Siliguri Expressway : उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए बड़ी संख्या में एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत बनाए जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) से मुश्किलों भरा सफर आसान होगा। केवल यूपी में 14 एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से कई पर ट्रैफिक सुचारू रूप से चालू है और कई पर अभी कार्य चल रहा है, जो आने वाले समय में बनकर आम लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे। उनमें से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी शामिल है जो बिहार की सीमा से होकर गुजरेगा। कुल मिलाकर पटना से पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर तक बन रहा शानदार एक्सप्रेस-वे इधर, यूपी के गोरखपुर और उधर, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को सीधे तौर पर कनेक्ट करेगा। इसके निर्माण से तीन राज्यों के लोगों की यात्रा सुगम हो जाएगी।
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
बिहार में बन रहे इतने एक्सप्रेसवे
नये वित्त वर्ष (New Financial Year) 2024-25 में राज्य में बिहार में चार महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द आरंभ होंगे। इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी) रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (Raxaul-Haldia Expressway 650 किमी) पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ( Purvanchal Expressway बक्सर से पटना होते हुए भागलपुर तक 345 किमी) और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे ( Patna-Purnia Express 215 किमी) शामिल हैं। इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने हेतु केंद्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।
इन जिलों को होगा फायदा
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एक नहीं बल्कि, तीन क्षेत्रों की तस्वीर चमका देगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज को कनेक्ट करेगा। इससे यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर से होकर गुजरने पर यहां के यातायात में सुधार होने की संभावना प्रबल है। कयास लगाए जा रहे हैं कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के साथ एनसीआर के गोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेश की संभावना बढ़ेगी। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 600 किलोमीटर घट जाएगी। इस परियोजना के लिए केवल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिले के कुल 111 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिसमें चौरी-चौरा तहसील के 14 गांव, कुशीनगर की हाटा तहसील के 19 गांव, तमकुहीराज तहसील के 42 गांव और कसया तहसील के 13 गांव शामिल हैं। वहीं, देवरिया जिले की सदर तहसील के 23 गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। यह एक्सप्रेसवे उधर, बरेली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ा एक सतत मार्ग होगा।
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
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विवरण | जानकारी |
लंबाई | 519.58 KM |
परियोजना की लागत | 32,000 करोड़ |
शुरुआती प्वाइंट | जगदीशपुर (गोरखपुर) |
अंतिम बिंदु | सिलीगुड़ी |
निर्माण कंपनी - | एनएचएआई (NHAI) |
सफर का टाइम | 9 घंटे |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2025 |
एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी, बिहार में 416 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी यानी कुल लंबाई 519.58 किमी है। अभी गोरखपुर-सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क नहीं है। लिहाजा, अभी यात्रा का समय 15 घंटे लगता है। लेकिन, इस सड़क मार्ग के बनने से 6 घंटे सफर कम हो जाएगा।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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