बिल्डर कर रहे बदमाशी, घर खरीदार भुगत रहे सजा; क्या अब नोएडा, Greater Noida वेस्ट के लोगों से छिन जाएंगे फ्लैट!
बिल्डरों के वादों के मारे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यमुना एक्सप्रेसवे के लोग के लिए अब एक और बड़ी चिंता सामने खड़ी है। सरकार ने अथॉरिटी का बकाया न चुकाने वाले बिल्डरों का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल करने का फैसला किया है। ऐसे में घर खरीददारों का क्या होगा, यही बड़ा प्रश्न है -

बिल्डरों की गलती की सजा क्या घर खरीददारों को मिलेगी?
नोएडा, ग्रेनो, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यमुना एक्सप्रेवेस में लोगों ने अपनी जीवनभर की मेहनत की कमाई फ्लैट खरीदने में झौंक दी। बिल्डरों ने उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए और उनकी गाड़ी कमाई लेकर रफूचक्कर हो गए। किसी ने सेंचुरियन के सपने दिखाए तो किसी ने केपटाउन जैसे शहर और किसी ने यूरोपीय और अमेरिकी शहरों से मिलते-जुलते प्रोजेक्ट के नाम पर लूटा। इन शातिर बिल्डरों ने सिर्फ घर खरीदारों को ही नहीं लूटा, बल्कि अथॉरिटी को भी चूना लगाया। अब बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। लेकिन इसमें शंका इस बात की है कि कहीं, बिल्डरों की बदमाशी की सजा मासूम घर खरीदारों को न मिले। चलिए जानते हैं क्या है मामला -
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्स्प्रेसवे अथॉरिटी को ऐसे बिल्डरों की अलॉटमेंट कैंसिल करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाया है। बता दें कि हाल ही में बिल्डरों को एक ऑफर दिया गया था, जिसके तहत उनसे अथॉरिटी के बकाये का 25 फीसद चुकाकर घरों की रुकी हुई रजिस्ट्री शुरू करने का सुझाव दिया था। इस ऑफर का कुछ बिल्डरों ने लाभ उठाया और उनके प्रोजेक्ट्स में घरों की रजिस्ट्री शुरू भी हो गई। लेकिन कुछ बिल्डरों ने इस ऑफर का भी लाभ नहीं उठाया, जिसके बाद उन पर कार्रवाई शुरू करने का निर्देश हुआ है।
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हजारों लोगों को आज भी नहीं मिला फ्लैटराज्य सरकार ने बिल्डरों को 60 दिन का समय दिया था, जिसमें उनसे कहा गया था कि वह रिबेट का लाभ लें और अपना बकाया चुका दें। इससे उन्हें घर खरीदारों की ओर से लागातार उठाए जा रहे घरों की रजिस्ट्री का मुद्दा भी सुलझ जाता और जिनमें काम रुका हुआ है, वहां काम भी शुरू हो जाता। अगर बिल्डर 60 दिन में इस ऑफर का भी लाभ नहीं उठाते हैं, तो उनको अलॉट हुई जमीन कैंसिल हो सकती है। समय-सीमा समाप्त हो चुकी है और अब कभी भी आपके बिल्डर का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल किया जा सकता है।
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ऐसे में प्रश्न ये है कि जिन घर खरीदारों में उन प्रोजेक्ट में अपने सपनों के घर के लिए लाखों रुपये चुकाए हैं उनका क्या होगा? कुछ लोगों को उनका घर तो मिल गया है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हुई है, उनकी मांग रजिस्ट्री की है। जबकि आज भी हजारों घर खरीददार ऐसे हैं, जिन्हें उनके फ्लैट के दर्शन तक नहीं हुए हैं।
दिसंबर में आया था नोटिफिकेशननोटिफिकेशन के अनुसार दिसंबर 2023 में बिल्डरों को 60 दिन में 25 फीसद बकाया चुकाने का निर्देश दिया गया था। ऐसा करने पर उनके प्रोजेक्ट में घरों की रजिस्ट्री शुरू हो जाती। यह मियाद भी पूरी हो चुकी है, अब तीनों अथॉरिटी को सरकार की तरफ से चिट्ठी भेजकर ऐसे बिल्डरों का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार ने तो बिल्डरों को यहां इतनी राहत दी थी कि कोरोना के समय यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2023 यानी दो साल का ब्याज माफ कर दिया था। इसके बावजूद बिल्डरों ने अपने घर खरीददारों को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया। इस पॉलिसी को लाने के पीछे सरकार का मकसद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में 2.40 लाख से 3.50 लाख घरों की रजिस्ट्री का रास्ता खोलना था।
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ग्रेटर नोएडा का बुरा हालग्रेटर नोएडा क्षेत्र में काम करने वाले 97 बिल्डरों में से 40 ने इस योजना का लाभ लेकर अपने बकाए चुकाने की बात कही, जिससे उनके प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री की मांग कर रहे घर खरीददारों को राहत की सांस मिले। लेकिन सिर्फ 16 बिल्डरों ने ही हकीकत में बकाया की किस्त चुक्ता की। इससे अथॉरिटी को कुल 73 करोड़ रुपये मिले, जिससे अब तक 1300 फ्लैटों की रजिस्ट्री ही हो पायी है। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के 7क्षेत्र में कुल 9 में से दो बिल्डरों ने ही इस योजना का लाभ उठाकर अपनी किस्त जमा की। इससे अथॉरिटी को 90 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और 2600 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई।
नोएडा में 16 बिल्डरों ने उठाया लाभनोएडा में कुल 42 बिल्डरों ने इस स्कीम के तहत अपना बकाया देने की हामी तो भरी, लेकिन सिर्फ 16 ने ही इसका लाभ उठाया। नोएडा के बिल्डरों से अथॉरिटी को 115 करोड़ रुपये मिले, जिससे उनके प्रोजेक्ट में घर लेने वाले लोगों को रजिस्ट्री का तोहफा मिल गया।
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