यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा 100 बेड का अस्पताल, मिलेगा आसान इलाज

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। एक्सप्रेसवे के किनारे 100 बिस्तरों के एक अस्पताल का निर्माण शुरू किया जाएगा। यह अस्पताल दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा।

फाइल फोटो।

यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एक्सप्रेसवे के किनारे 100 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण शुरू हो सकेगा। यह अस्पताल एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा।

जानकारी के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रति तीन दिन में औसतन एक व्यक्ति की जान जाती है। सर्दियों के मौसम में तो दुर्घटनाओं की संख्या और भी बढ़ जाती है। दुर्घटनाओं में घायलों को उपचार के लिए जेवर, ग्रेटर नोएडा और नोएडा के अस्पतालों में ले जाया जाता है, जिसके कारण घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और कई बार उनकी जान चली जाती है।

भूमि विवाद हुआ था खत्म

इस अस्पताल के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा भूमि विवाद था। किसानों ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके चलते अस्पताल का निर्माण रुक गया था। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भूमि अधिग्रहण को वैध करार दिया है। इस फैसले के बाद अब यमुना प्राधिकरण अस्पताल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर देगा।

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