Greater Noida News: 75 हजार बायर्स को जल्द फ्लैट मिलने का रास्ता साफ, ऐसे तीन माह में हाथ आएगी रजिस्ट्री

ग्रेटर नोएडा में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री मिलने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, बिल्डर भी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ ले सकेंगे।

Greater Noida flat Case

फाइल फोटो

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना मिलने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। इसी का लाभ दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है। औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की मंगलवार को आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अमल में लाए जाने के लिए मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ ले सकेंगे। जबकि, फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि, शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा।

बोर्ड बैठक में रखे प्रस्ताव

दरअसल, लंबे समय से नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर यूपी सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 26 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखे गए। फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी।

बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ

प्राधिकरण की जारी विज्ञप्ति में अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है। कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी।

ऐसे बिल्डरों को मिलेगी छूट

मीडिया रिपोर्ट और विज्ञप्ति के मुताबिक, इन सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी। वहीं, बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा। 100 करोड़ रुपए तक के बकाए की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी। 500 करोड़ रुपए तक की राशि दो वर्षों में और इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी। ड्यूज का 25 फीसदी धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा।

ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं

प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा। टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना में शामिल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं होंगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | ग्रेटर नोएडा (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited