अजब चोरी का गजब मामला: 36 किलो सोना चोरी, 17 किलो बरामद; न किसी ने रिपोर्ट लिखवाई और न क्लेम किया
हम अपनी छोटी-मोटी चीजों की चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए बार-बार थाने के चक्कर लगाते हैं। लेकिन ग्रेटर नोएडा में एक ऐसी चोरी हुई, जिसकी रिपोर्ट किसी ने नहीं लिखवाई, यहां तक कि 17 किलो सोना और लाखों रुपये के साथ चोर के पकड़े जाने के बाद भी किसी ने इसका क्लेम नहीं किया।
इस सोने का कोई मालिक नहीं (फोटो - मेटा AI)
चोरी की अजब-गजब खबरें आपने सुनी और पढ़ी होंगी। अक्सर लोग छोटी-मोटी चोरी की घटना की भी रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने के चक्कर लगाते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में चार साल पहले एक ऐसी चोरी हुई, जिसकी रिपोर्ट लिखवाने कोई आया ही नहीं। चोरी भी कोई छोटी-मोटी नहीं बल्कि 36 किलो सोने और 6 करोड़ रुपये की थी। यही नहीं, पुलिस ने चोर को पकड़कर 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये बरामद भी कर लिए, लेकिन इसको क्लेम करने भी आज तक कोई नहीं पहुंचा। चलिए जानते हैं -
सिल्वर सिटी-2 की घटनाघटना साल 2020 के अगस्त महीने की है। ग्रेटर नोएडा के सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी में फ्लैट नंबर 301 में करोड़ों की चोरी हुई। जानकारी के अनुसार यहां से 36 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये की नगदी चुराई गई थी। हालांकि, यह राशि और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि किसी ने क्लेम नहीं किया कि चोरी हुई है और कितने की चोरी हुई है।
पुलिस ने धर दबोचा चोरअगस्त 2020 में चोरी हुई थी और पुलिस ने 10 महीने बाद जून 2021 में चोर को पकड़ लिया। पुलिस ने चोर से 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये बरामद भी कर लिए। जिस तरह से किसी ने भी चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई थी, उसी तरह चोर के पकड़े जाने और माल बरामद होने के बावजूद कोई क्लेम करने भी नहीं आया।
चोरी में 10 लोग शामिलपुलिस के अनुसार इस चोरी में 10 लोग शामिल थे। इस मामले में अब तक तीन चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। पुलिस ने हाल ही में 9 लोगों के खिलाफ एक और आरोपपत्र दाखिल किया है। लेकिन इस चार्जशीट में भी इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि चोरी हुआ और बरामद हुआ माल किसका है।
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पुलिस ने बताया माल किसका, लेकिन...पुलिस ने दावा किया था कि बरामद माल किशलय पांडेय और राम मूर्ति पांडेय का था, लेकिन उन्होंने साफ इनकार किया और कहा कि यह उनका नहीं है। इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने ईडी और इनकम टैक्स विभाग को भी चिट्ठी लिखी थी, लेकिन दोनों विभागों ने इस मामले में कोई रुचि नहीं दिखाई।
काले धन की अनसुलझी पहेलीन किसी ने चोरी की रिपोर्ट लिखवाई और न ही कोई क्लेम करने आया। इससे यह बात तो साफ है कि यह काला धन है। प्रश्न ये है कि आखिर किराए के फ्लैट में किसने करोड़ों रुपये की सोने की ईंटें और करोड़ों रुपये नगदी के रूप में छिपाकर रखे थे। इतनी बड़ी मात्रा में कालाधन कहां से आया? क्या यह किसी हवाला कारोबार का हिस्सा है या फिर किसी तरह के रैकेट की कारगुजारी?
इन प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलेप्रश्न तो ये भी है कि चोरों ने दिन के उजाले में इतनी बड़ी घटना को आखिर अंजाम कैसे दिया। हालांकि, उस समय (अगस्त 2020) कोरोना पेंडेमिक के चलते लॉकडाउन चल रहा था। आखिर किसने करोड़ों के कालेधन को चुराने के लिए फ्लैट की चाबी चोरों को दी। अब तक तो यह भी साफ नहीं है कि चोरी का कुल माल कितना था? पुलिस के अनुसार 36 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये थे, लेकिन असली मालिक ही जानता होगा कि असल में चोरों ने कितने बड़े माल पर हाथ साफ किया था। यह भी प्रश्न ही है कि अगस्त 2020 से जून 2021 तक चोरी का यह मामला आखिर दबा कैसे रह गया।
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क्या होगा इस माल का?फिलहाल तो चोरों से बरामद माला कोषागार में सुरक्षित रखा गया है और गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि मामला कोर्ट में है और कोर्ट का फैसला आने के बाद ही माल के बारे में कुछ निर्णय होगा। तब तक माल कोषागार में सुरक्षित रहेगा। माल का कोई दावेदार नहीं मिलता है तो इसे सरकार के हवाले कर दिया जाएगा।
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