फ्लैट कब्जाने को लेकर दिल्ली पुलिस के जवान ने की व्यापारी की हत्या, ऐसे हुआ मामले का खुलासा
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 पुलिस और स्वाट टीम ने फ्लैट खरीदने के विवाद में एक व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक निलंबित कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है। उसके पास से हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथौड़ा भी बरामद हुआ है।
पुलिस ने किया खुलासा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में नौ अगस्त को व्यापारी की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। थाना बीटा दो पुलिस व स्वाट टीम के द्वारा हत्या का खुलासा करते हुए आरोपी दिल्ली पुलिस के सिपाही को एलजी गोल चक्कर के गंदे नाले के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से आलाकत्ल हथोड़ा व घटना में प्रयोग की गई क्रेटा कार को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। आरोपी ने हत्या के बाद मृतक के शव को एलजी गोल चक्कर के पास टी-सीरीज के जंगल में छुपा दिया, जिसके बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस में मृतक की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की।
दिल्ली पुलिस में 2004 में हुआ था भर्ती
दरअसल, आरोपी प्रवीण वर्ष 2004 में दिल्ली पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुआ था, जो वर्तमान में कई महीनों से निलंबित चल रहा है। प्रवीण ने ब्रोकर संचित के माध्यम से एक फ्लैट खरीदने के लिए मृतक अंकुश शर्मा से संपर्क किया। इसके बाद मृतक अंकुश शर्मा का एक सस्ता एवं अच्छा फ्लैट सेक्टर ईटा दो में बेचने की बात ब्रोकर संचित ने 2 फरवरी को आरोपी प्रवीण को बताई और इसके बाद मृतक संचित के साथ मीटिंग कराई। उसे फ्लैट को कब्जाने को लेकर आरोपी प्रवीण ने संचित की हत्या कर दी और उसके शव को एलजी कंपनी के पास टी-सीरीज के जंगल में छुपा दिया।
फ्लैट खरीदने को लेकर हुई थी डील
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मिया खान ने बताया कि आरोपी प्रवीण ने मृतक अंकुश शर्मा के फ्लैट का सौदा एक करोड़ 18 लाख रुपए में तय कर दिया, जिसमें 88 लाख रुपए ए पेमेंट और 30 लाख रुपए कैश बी पेमेंट देना तय हुआ। इसके बाद आरोपी प्रवीण ने 51 हजार रुपए टोकन मनी के रूप में अंकुश शर्मा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद प्रवीण ने दो बार में 7 लाख रुपए ओर अंकुश को देखकर 14 मार्च को दोनों ने एक एग्रीमेंट साइन किया। इसके बाद 27 अप्रैल को ट्रांसफर मेमोरेंडम (टीएम) की प्रक्रिया शुरू हुई और 10 मई को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से ट्रांसफर मेमोरेंडम लेटर प्राप्त हो गया। इसके बाद मृतक कनाडा चला गया, जिस कारण रजिस्ट्री नहीं हो सकी।
जुलाई में मृतक अंकुश शर्मा जब कनाडा से वापस आया तो उसने अपने फ्लैट के एग्रीमेंट से 20 लाख रुपए ज्यादा की डिमांड प्रवीण से की। जिसके बाद आरोपी प्रवीण ने 20 लाख रुपए अधिक देने से मना कर दिया। जब मृतक के द्वारा कई बार बढ़ी हुई कीमत मांगी गई और आरोपी ने वह कीमत नहीं दी, तो ट्रांसफर मेमोरेंडम की डेट एक्सपायर होने के नजदीक आ गई। जिस कारण प्रवीण परेशान हो गया, क्योंकि अंकुश शर्मा बार-बार रुपयों की डिमांड कर रहा था।
फिल्म देखकर बनाई हत्या की योजना
इसके बाद प्रवीण ने अंकुश शर्मा को मारने की योजना बनाई और 5 अगस्त को प्रवीण संचित को लेकर मृतक के ऑफिस गया वहां प्रवीण ने एग्रीमेंट से 11 लाख रुपए मृतक को देने की बात पर सहमति बन गई, लेकिन प्रवीण के पास मृतक अंकुश शर्मा को देने के लिए रुपए नहीं थे। फ्लैट पर अवैध रूप से कब्जा करने को लेकर प्रवीण ने अंकुश शर्मा की हत्या कर दी और उसके बाद उसके शव को छिपा दिया, ताकि उसका शव पुलिस को ना मिले और हम वह गुमशुदगी के चलते पुलिस उसकी तलाश करती रहे और फ्लैट पर उसका कब्जा हो जाए। बताया जा रहा है की आरोपी ने इस पूरी हत्या की साजिश दृश्यम मूवी से प्रभावित होकर बनाई थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर...और देखें
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