Eco Village 2 में अब भी हालात सामान्य नहीं, संक्रमण के आगे सरकारी दवा भी फेल! आज SDM का दौरा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी में बच्चों और बड़ों के बीमार पड़ने का सिलसिला अब भी जारी है। यहां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गई दवाएं भी असर नहीं कर रही हैं। इसका मतलब साफ है कि संक्रमण बहुत ही खतरनाक है और दवाएं भी उस पर बेअसर हैं।

अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं बच्चे, पानी की स्थिति में सुधार नहीं

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की Eco Village 2 सोसाइटी में हालात अब भी सामान्य नहीं हैं। बल्कि हालात लगातार बिगड़ ही रही हैं। आज 6 दिन बाद भी दर्जनों बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं और कई नए मरीज भी सामने आ रहे हैं। जबकि सोसाइटी के ज्यादातर लोग बाहर से बोतलबंद पानी मंगवाकर पी रहे हैं। बिसरख स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार और बुधवार दो दिन सोसाइटी में कैंप लगाकर मरीजों को दवा दी थी। इसके बावजूद ज्यादातर बच्चों पर दवा ने असर नहीं किया। यानी सरकारी दवा भी इस समस्या में फेल होती दिख रही है। ऐसे में प्रश्न ये है कि दवा की क्षमता कम है या जो भी संक्रमण यहां सोसाइटी में फैला है, वह इतना खतरनाक है कि उस पर दवा का भी असर नहीं हो रहा।

बच्चों की स्थिति अब भी स्थिर नहींकुछ बच्चों को अस्पतालों से छुट्टी जरूर मिल गई है, लेकिन पैरेंट्स का कहना है कि उनकी स्थिति अब भी अच्छी नहीं है। सोसाइटी के निवासी और दो दिन अस्पताल में इलाज करवाकर आए बच्चे के पिता अनुपम मिश्रा ने अपने बच्चे की रिपोर्ट हमारे साथ साझा की। जो सीआरपी 0-6 होना चाहिए, वह 90 के पार पहुंच गया था।

बच्चों में बढ़ा हुआ सीआरपी

तस्वीर साभार : Times Now Digital

तीन दिन से उल्टी, दस्त और पेट दर्द से पीड़ित अपनी बेटी को बार-बार अलग-अलग डॉक्टरों के पास ले जाकर रणविजय सिंह नाम के एक निवास भी परेशान हैं। अब हर किसी की एक ही मांग है कि इस समस्या का असली कारण सामने आए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

एक ही बच्चे के सरकारी कैंप और प्राइवेट डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन

तस्वीर साभार : Times Now Digital

फैसिलिटी मैनेजर ने की इस्तीफे की बातसोसाइटी में उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और तेज बुखार का प्रकोप अब भी फैला हुआ है। लोग दहशत में हैं और सोसाइटी की तरफ से उपलब्ध करा जा रहे पानी के इस्तेमाल को लेकर डरे हुए हैं। इस बीच शुक्रवार को स्टेट मनेजर अजीम ने सोसाइटी के व्हाट्एप ग्रुप में अपनी ओर से एक अपोलॉजी शेयर की। अजीम का कहना है कि वह अभी सोसाइटी के लोगों से आ रहे प्रश्नों के उत्तर देने की स्थिति में नहीं हैं। उनका कहना है कि वह स्वयं भी उसी ट्रॉमा से गुजर रहे हैं, जिससे सोसाइटी के लोग। अजीम का कहना है कि वह एस्टेट मैनेजर होने के नाते अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि कुछ लोग मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं, अगर मेरे जाने से समस्याओं का समाधान होता है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।

सोसाइटी के लोगों का गुस्सा तब और ज्यादा भड़क गया, जब एस्टेट मैनेजर की तरफ से एक प्राइवेट लैब की जांच रिपोर्ट जारी कर दी गई। इस रिपोर्ट में सोसाइटी की तरफ से दिए जा रहे पानी को सुरक्षित बताया गया है। हालांकि, फैसिलिटी का कहना है कि उनके पानी में किसी तरह की समस्या नहीं है। फिर भी हम से पीने की सलाह अभी नहीं दे सकते।

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