गर्मी अपना प्रकोप दिखाने लगी है और अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रहा पानी की पाइपलाइन बदलने की तैयारी
मार्च का महीना बस खत्म होने वाला है। दिल्ली NCR में गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर चुकी है और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पाइपलाइन बदलने की अब सुध आई है। ग्रेटर नोएडा के सबसे सघन इलाके में पाइपलाइन बदलने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

गर्मियों में आई पाइपलाइन बदलने की सुध
मार्च खत्म होने से पहले ही देश भर में गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। दिल्ली NCR में गर्मी की क्या दशा रहती है, ये बताने की जरूरत नहीं है। अखबारों के पन्नों पर बढ़ते पारे की खबरें जगह पाना शुरू कर चुकी हैं और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब जाकर जागी है, वो भी पानी जैसे गंभीर मुद्दे पर।
दैनिक हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के सबसे पुराने और सबसे सघन इलाकों में अब पेयजल की पाइपलाइन बदली जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शहर के नौ सेक्टरों अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा में अब पाइपलाइन बदलने की तैयारी चल रही है। CEO की मंजूरी के बाद आगे की प्रकिया शुरू करने की तैयारी है।
शहर से लगातार आ रही पानी से जुड़ी दिक्कतों में सुधार करने के लिए प्राधिकरण ने ये फैसला लिया है। पेयजल की पाइपलाइन में लीकेज, पेयजल पाइपलाइन में लीकेज, फटने, प्रेशर कम होने और दूषित पेयजल की आपूर्ति के कारण इसे बदलना जरूरी हो गया है। पिछले सप्ताह ही जेपी गोल्फ कोर्स गोलचक्कर के पास पाइपलाइन फट गई थी, जिससे अल्फा-1 और 2 में करीब 45 घंटे तक पानी की आपूर्ति ठप रही। इस इलाके में 15 हजार से अधिक परिवार रहते हैं।
ऐसी ही घटनाओं के कारण इस समस्या का पक्का समाधान करने के लिए प्राधिकरण ने दो दशक पहले बिछाई गई कास्ट आयरन पाइप को बदलकर, डक्टाइल पाइप लगाने की योजना बनाई है। डक्टाइल पाइप पानी के अधिक प्रेशर को झेल सकते हैं। इनकी अवधि कम से कम 50 साल होती है। फिलहाल जो कास्ट आयरन की पाइपलाइन बिछी है, उसकी अवधि लगभग 25 साल ही होती है।
पाइपलाइन बदलने के शुरुआती चरण में ग्रेटर नोएडा के नौ सेक्टरों अल्फा-1, 2, बीटा-1, 2, गामा-1, 2 और डेल्टा-1, 2 और 3 में पाइप लाइन बदलने का काम शुरू होगा। इन इलाकों में शहर की सबसे अधिक आबादी बसती है। ग्रेटर नोएडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ACEO) सुनील कुमार सिंह ने कहा कि इन इलाकों में पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके सफल होने पर बाकी सेक्टरों में भी काम होगा। पाइपलाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
फिलहाल इसमें होने वाले खर्च का हिसाब लगाया जा रहा है साथ ही ये भी देखा जा रहा है कि मौजूदा व्यवस्था में क्या बेहतरी हो सकता है। अनुमान के हिसाब से एक सेक्टर में पाइपलाइन बिछाने का खर्च कम से कम चार करोड़ रुपये आएगा।
हालांकि, इन सब तैयारियों के दौरान आशंका मात्र एक चीज की है कि पाइप बदलने से पानी की आपूर्ति में होने वाली दिक्कतों से कैसे उबरा जा सकेगा।
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