Greater Noida News: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर होने जा रहा ये बड़ा काम, जानिए क्या है पूरा प्लान

Jewar International Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों की मरम्मत के लिए एमआरओ बनाने का प्लान है। इससे देश आत्मनिर्भर बन सकेगा। इस पहल से भारत की अन्य देशों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। यह एमआरओ एयरपोर्ट के अंदर ही 40 एकड़ में बनाने की योजना है। अभी तक भारत यूरोपीय देशों पर विमानों के मेंटनेंस के लिए निर्भर रहता था।

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गौतमबुद्धनगर के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों के मेंटेनेंस का भी होगा काम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • जेवर एयरपोर्ट पर 40 एकड़ में बनेगा एमआरओ
  • विमानों के रखरखाव और मरम्मत का होगा काम
  • दूसरे देशों पर निर्भरता हो जाएगी खत्म

MRO To Be Built At Jewar International Airport: गौतमबुद्धनगर के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जल्द ही हवाई जहाज उड़ान भरेंगे। अब एयरपोर्ट परिसर में ही विमानों के मेंटेनेंस के लिए एमआरओ (मेंटनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) बनेगा। विमानों के मेंटेनेंस के लिए पहले चरण में बन रहे एयरपोर्ट के अंदर ही 40 एकड़ एरिया में एमआरओ बनाने का काम किया जाएगा। यह एमआरओ एयरपोर्ट के साथ ही बनकर रेडी हो जाएगा। यहां एयरपोर्ट पर विमानों के रखरखाव करने के लिए तकनीकी इंजीनियरों की भी तैनाती होगी।

बता दें कि, पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने का काम चल रहा है। एयरपोर्ट पर तेजी के साथ 24 घंटे और सातों दिन निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बता दें कि, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फरवरी 2024 तक ट्रायल रन शुरू हो सकता है।

निजी कंपनी करेगी एमआरओ का निर्माण

मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रनवे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का काम तेजी के साथ चल रहा है। वहीं, 40 एकड़ के एरिया में बनने वाले एमआरओ का भी काम शुरू होने वाला है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंटरनेशनल और घरेलू हवाई जहाज उड़ान भरेंगे और उतरेंगे भी। यहां पर एमआरओ बनना बेहद जरूरी हो गया था। एक निजी कंपनी 40 एकड़ एरिया में एमआरओ का भी निर्माण करने जा रही है।

एमआरओ बनने से होंगे ये लाभ

जानकारी के लिए बता दें कि, विमानों के रखरखाव में भारत की अभी दूसरे देशों पर निर्भरता है। देश में हैदराबाद और बेंगलुरु आदि शहरों में विमानों के रखरखाव का काम होता है, लेकिन इन जगहों पर काम बहुत छोटे स्तर पर होता है। अभी तक अधिकतर भारत के विमानों का मेंटेनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता था। अब गौतमबुद्धनगर के जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी देश आत्मनिर्भर बन जाएगा। जेवर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी तरह के विमानों के मेंटनेंस का काम हो सकेगा।

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