Noida: कड़ाके की ठंड में झाडियों में मिली नवजात बच्ची, SHO की पत्नी ने फीडिंग कराकर बचाई जान

Greater Noida News: कड़ाके की सर्दी में नोएडा पुलिस को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित गर्ल्स हॉस्टल के पास झाड़ियों में एक नवजात बच्ची पड़ी मिली। एसएचओ की पत्नी ने इस नवजात बच्ची को स्तनपान कराकर उसकी जान बचाई। फिलहाल बच्ची अस्पताल में है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

पुलिस को झाड़ियों में नवजात बच्ची मिली, SHO की पत्नी ने फीडिंग कराकर उसकी जान बचाई

पुलिस को झाड़ियों में नवजात बच्ची मिली, SHO की पत्नी ने फीडिंग कराकर उसकी जान बचाई

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Greater Noida: खाकी को लेकर लोगों के मन में कई धारणाएं होती हैं लेकिन उसका एक दूसरा चेहरा भी होता है और वो होता है मानवता का। ऐसी ही तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं जो Delhi से सटी ग्रेटर नोएडा की है। यहां एक SHO की पत्नी ने लावारिस हालत में मिलने नवजात की फीडिंग (Breast Feeds) कराकर जान बचाई है। दरअसल पुलिस (Police) को नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी के बीच झाड़ियों में एक नवजात बच्ची मिली। एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) की पत्नी ने उस नवजता स्तनपान कराया और एक शिशु की जान बचाई।

ठंड से ठिठुर रही थी बच्ची

यह नवजात बच्ची 20 दिसंबर को नॉलेज पार्क इलाके में झाड़ियों में एक कपड़े में लिपटी मिली थी और ठंड के कारण उसकी हालत बहुत गंभीर थी।सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को थाने ले गई। भूख और ठंड के कारण बच्ची बेसुध होकर रो रही थी। पुलिस जानती थी कि बच्चे को मां के दूध के अलावा कुछ नहीं पिलाया जा सकता।

एसएचओ की पत्नी ने कराया स्तनपान

एसएचओ की पत्नी, ज्योति सिंह ने भूख से रोते हुए शिशु को स्तनपान कराने की इच्छा जताई। अधिकारियों ने कहा कि शिशु को अब एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है। पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक उसके कलयुगी माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिन्होंने उसे लावारिस हालत में छोड़ दिया था।

दिया संदेश

एएनआई से बात करते हुए, ज्योति सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को इस तरह ना छोड़ें। उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कोई एक बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? बच्ची को तड़पता देखकर मुझे बहुत बुरा लगा और रोने का मन हो रहा था। मैं खड़े रहकर उसे भूख से रोते हुए नहीं देख सकती थी और मैंने उसे स्तनपान कराने का फैसला किया। मैंने मैं एक संदेश देना चाहती हूं कि अगर किसी को अपने बच्चों की देखभाल करने में कोई समस्या है, तो उन्हें उन्हें अनाथालय या एनजीओ जैसी सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए, जहां उनका पालन-पोषण हो सके। इस तरह के कृत्य निंदनीय हैं।'

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किशोर जोशी author

राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें

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