जेवर एयरपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट, बढ़ाई गई रनवे की दूरी; जल्द उड़ान भरेंगे विमान

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दिसंबर माह से विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी, जिसे लेकर रनवे और टर्मिनल का 90% काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन, एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी ज्यूरिख ने रेल और रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एयरपोर्ट के सभी रनवे के बीच की दूरी को 1.6km से बढ़ाकर अब 2.4km करने का फैसला लिया गया है-

Jewar Airport

जेवर एयरपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट ( AI Image)

Greater Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) के मास्टर प्लान में बदलाव की तैयारी चल रही है। एयरपोर्ट पर अंडरग्राउंड और दूसरे तरीकों से रेल और रोड कनेक्टिविटी दोनों को बेहतर बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है। इंस्ताबुल और बीजिंग की तर्ज पर एयरपोरेट के सभी रनवे के बीच की दूरी को 1.6km से बढ़ाकर अब 2.4km करने का फैसला लिया गया है। ज्यूरिख ने इसे लेकर एक्स मास्टर प्लान का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसे लेकर प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण 1334 हेक्टर में किया जा रहा है। पहले चरण में दो रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग का संचालन किया जाना है। इस साल दिसंबर माह में विमानों की उड़ान शुरू हो जाएगी। रनवे और टर्मिनल का काम 90% तर पूरा किया जा चुका है। इसके बाद साल 2025 में दूसरे रनवे का काम शुरू होना है। इसी बीच एयरपोर्ट बना रही कंपनी ज्यूरिख ने एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में बदलाव करने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा है।

बढ़ाई जाएगी दो रनवे की बीच की दूरी

एयरपोर्ट के इस प्रस्ताव में कंपनी ने मौजूदा मास्टर प्लान के तहत दो रनवे के बीच की दूरी को 1600 मीटर बताया है। कंपनी का कहना है कि एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) से सड़क और रेल कनेक्टिविटी के लिए इतनी दूरी काफी नहीं है। इसके लिए उन्होंने चीन के बीजिंग और इस्तांबुल के एयरपोर्ट का हवाला देकर इस दूरी को 2400 मीटर करने क प्रस्ताव भेजा है, जिससे कि एयरपोर्ट पर यात्रियों को सभी तरह की कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।

भूमिगत कनेक्टिविटी के डिजाइन में बदलाव

एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जब मास्टर प्लान तैयार किया गया था तो रेलवे लाइन और रैपिड रेल की कनेक्टीविटी एयरपोर्ट में भूमिगत देने की योजना बनाई गई थी। अब टर्मिनल बिल्डिंग के नीचे भूमिगत जीटीसी (ग्राउंड ट्रासपोर्ट सेंटर) बनाए जाने की योजना है, जिसमें रोड, रेल, रैपिड रेल भविष्य में बुलट ट्रेन आदि सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सुविधाओं की सीधी कनेक्टीविटी मिल सकेगी। जिससे कि विमान से उतरने पर टर्मिनल के पास पहुंचते ही यात्रियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की डारेक् सुविधाएं लोगों को मिल सकेंगी। इसमें दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर काफी कम हैं, जिससे यह सब कनेक्टिविटी मुमकिन नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाने के लिए संशोधित एक्स मास्टर प्लान बना है।

एयरपोर्ट पर बनेंगे 6 रनवे

  • पहला चरण 1334 हेक्टेयर में विकसित होगा
  • 12 लाख यात्री यहां से हर साल उड़ान भर सकेंगे
  • 96,400 फ्लाइट का आवागमन हो सकेगा हर साल
  • 2,49,600 टन कार्गो यहां से आ-जा सकेगा
  • 1,01,590 वर्ग मीटर में बन रही है टर्मिनल बिल्डिंग
  • 1100 हेक्टेयर और बढ़ेगा एयरपोर्ट का क्षेत्रफल

ज्यूरिख ने भेजा एक्स मास्टर प्लान का प्रस्ताव

यमुना प्राधिकरण सीइओ अरुणवीर सिंह का कहना है कि अंडरग्राउंड रेल और रोड कनेक्टिविटी के लिए एक्स मास्टर प्लान का प्रस्ताव भेजा गया है। ज्यूरिख कंपनी ने इस्तांबुल और बीजिंग के एयरपोर्ट के अध्ययन के बाद यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद इसपर काम शुरू किया जाएगा।

कुल 7हजार हेक्टर में बनेगा जेवर एयरपोर्ट

एयरपोर्ट के निर्माण में पहले चरण में 1334 हेक्टेयर, दूसरे में 1365 हेक्टेयर और तीसरी और चौथे चरण में 2082 हेक्टेयर में किया जाना है। लेकिन, अब इसमें 1100 हेक्टेयर जमीन और बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कुछ जमीन सिंचाई विभाग की भी है। शासन स्तर पर कैबिनेट से फैसला लिया जाएगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को कुल सात हजार से अधिक हेक्टेयर में विकसित करने की प्लानिंग है।

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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिटिक्स न्यूज कवर करती हैं। इसके अलावा वह डेवलपमेंट क...और देखें

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