Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक में झंडा गाड़ेगी ग्रेनो की बेटी! मन में पदक की उम्मीद लेकर थ्रो फेकेंगी साक्षी कसाना
Paris Paralympics 2024: साक्षी कसाना पेरिस पैराओलंपिक 2024 में भाग ले रही हैं। देश को मेडल देने की उम्मीद लेकर यह एथलीट भारतीय दल के साथ फ्रांस की राजधानी पहुंची है। आइये जानते हैं कि उन्होंने खेलों की इस प्रतिस्पर्धा में खुद को कैसे फिट कर रही हैं?
एथलीट साक्षी कसाना
Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 बुधवार यानी 28 अगस्त से शुरू हो रहा है। यह इवेंट 8 सितंबर तक 11 दिनों तक फ्रांस की राजधानी में चलेगा। इस इंवेंट में भारत का अबतक का सबसे बड़ा दल हिस्सा ले रहा है। इस बार देश के 84 एथलीट 12 खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। इन खेलों में डिस्कस थ्रो (Discus Throw) भी शामिल है। तो आज इस आर्टिकल में बात उस एथलीट की, जिन्होंने डिस्कस थ्रो के एशियाई पैरा खेलों (Asian Para Games) में कास्य पदक और राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक (Silver Medal) जीत चुकी हैं। जी, हां बात साक्षी कसाना (Sakshi Kasana) की, जो इस बार पेरिस पैरा ओलंपिक में भाग ले रही हैं। आइये जानते हैं साक्षी से जुड़े कुछ अहम तथ्य।
कमजोरी को बनाया ताकत
साक्षी कसाना का जन्म साल 2002 में राजधानी दिल्ली में हुआ था। जन्म से ही उनके दाहिने पैर में मामूली विकृति थी। उन्हें चलने-फिरने परेशानी होती थी, लेकिन परिवार ने उन्हें हिम्मत दी। परिवार ने उन्हें अपाहिज होने की बात को पीछे छोड़कर खुद की कमजोरी को ताकत बनाने के लिए हौसला दिया। साक्षी ने धीरे-धीरे ही सही, लेकिन स्कूल में खेलों में अपना दमखम दिखाया और कई पदक भी हासिल किए। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में कोच अमित कुमार के मार्गदर्शन में खेल से जुड़ी बारीकियां सीखीं।
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एक सड़क हादसे ने बदली जिंदगी
पेरिस पैरालंपिक में जाने से पहले साक्षी ने पदक जीतने की पूरी उम्मीद जताई है। उन्होंने, अपने चार साल की कड़ी मेहनत को सपने में बदलने का भरोसा खुद पर रखा है। गाजियाबाद के अजनारा होम्स सोसायटी निवासी साक्षी कसाना बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार रही हैं। लेकिन, 2017 में एक सड़क हादसे ने साक्षी की जिंदगी में बुरा प्रभाव डाला। उनकी बीडीएस की पढ़ाई बीच में ही छूट गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिल्ली विश्वविद्यालय के 'स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग' से स्नातक की डिग्री और परास्नातक (मास्टर्स) में दाखिला लिया। इसके बाद वो पैरा गेम्स में भी शामिल हो गईं।
डिस्कस थ्रो एफ55 श्रेणी श्रेणी में खेलती हैं साक्षी
फिलहाल, साक्षी महिलाओं की डिस्कस थ्रो एफ55 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करती हैं। उन्होंने पेरिस में 2024 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अहर्ता हासिल की। हालांकि, वे टोक्यो के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं। लेकिन, बाद में हांगझोऊ में 2022 एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता। उन्होंने 24.77 मीटर की दूरी फेंककर चीन की वांग यानपिंग और ईरान की हाशमीयेह मोटाघियन मोवी से पीछे रही। 4 मार्च 2021 में वह, बैंगलोर में राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर फेमस हुईं।
F55 विकलांगता एथलेटिक्स के लिए विकलांगता खेल वर्गीकरण है, जो व्हीलचेयर या बैठकर मैदानी स्पर्धाओं में भाग लेते हैं। इस वर्ग के खिलाड़ियों में पूर्ण भुजा कार्य, आंशिक धड़ कार्य और कोई निचला अंग का कोई कार्य नहीं होता। इस वर्ग में विभिन्न दिव्यांग समूह प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिनमें रीढ़ की हड्डी से ग्रसित खिलाड़ी भी शामिल हैं।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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