दूसरे नोएडा एक्सप्रेसवे को मिली हरी झंडी, यमुना के किनारे-किनारे मारेंगे फर्राटा

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए एक और एक्सप्रेसवे बनाए जाने की सहमति मिल गई है। यह नया एक्सप्रेसवे यमुना नदी के किनारे-किनारे बनाया जाएगा। इसके लिए NHAI से बात की जा रही है। अगर NHAI इसे बनाने से इनकार करता है तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए साथ आ सकते हैं।

Greater Noida Expressway

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच बनेगा एक और एक्सप्रेसवे

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए अभी एक एक्सप्रेसवे मौजूद है। इस एक्सप्रेसवे पर दिल्ली-एनसीआर की गाड़ियां फर्राटा भरती हैं। आगरा, अलीगढ़, मथुरा, वृंदावन और जेवर की तरफ जाने के लिए नोएडा और दिल्लीवासियों के लिए यह सबसे अच्छा रास्ता है। अब खुशखबरी ये है कि ऐसा ही एक और एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड मीटिंग में इस दूसरे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। बोर्ड बैठक में इसकी आवश्यकता, डिजाइन और अलाइनमेंट पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसके बाद यह मंजूरी मिली।

इस दूसरे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को लेकर दो कार्ययोजनाओं पर विचार हो रहा है। इसमें से एक तो यह है कि कालिंदी कुंज के पास ओखला बैराज से यमुना एक्सप्रेसवे तक जमीन पर 8 लेन का एक्सप्रेसवे बनाया जाए। यमुना के किनारे-किनारे 6 लेन के एलिवेटेड रोड पर भी विचार किया जा रहा है।

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच 25 किमी का ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पहले से मौजूद है। इसके विकल्प की तलाश काफी समय से की जा रही है। यमुना नदी के किनारे एक नए एक्सप्रेसवे को लेकर लंबे समय से विचार किया जा रहा है। लेकिन इसको लेकर कभी भी इतनी तत्परता नहीं बरती गई। अब मौजूदा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट की बाढ़ आ चुकी है, जिससे इस पर ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। इसके अलावा जल्द ही जेवर में शुरू होने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की वजह से भी ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की संभावना है।

नोएडा अथॉरिटी इस दूसरे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को बनाने की जिम्मेदारी NHAI को देना चाहती है। लेकिन इसका मतलब यह भी होगा कि अगर NHAI इसे बनाने की हामी भरता है तो यह राष्ट्रीय राजमार्ग बन जाएगा। सूत्रों के अनुसार 28 मार्च को हुई बोर्ड मीटिंग में मुख्य सचिव और बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अगर NHAI इस एक्सप्रेसवे को बनाने की हामी नहीं भरता है तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को मिलकर इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, इंस्टीट्यूशनल और कॉमर्शियल सेक्टर हैं, जिनमें बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट आ चुके हैं। इससे एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है। विशेषतौर पर कोविड के बाद इस एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। पुराने एक्सप्रेसवे का हाल जल्द ही दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे जैसा हो सकता है, जहां पर भारी ट्रैफिक जाम से लोगों को परेशान होना पड़ता है। माना जा रहा है कि गले कुछ सालों में पुराने एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव काफी ज्यादा बढ़ सकता है, खासतौर पर जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू होने के बाद।

नए प्रस्तावित दूसरे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को ओखला बैराज से यमुना एक्सप्रेसवे के बीच बनाया जाना है, जो हिंडन-यमुना दोआब में बनेगा। माना जा रहा है कि इस नए एक्सप्रेसवे का अलाइनमेंट यमुना मार्जिनल बंद के साथ होगा। बता दें कि फिलहाल ओखला बैराज और सिंचाई नहर के बीच 11 किमी की पैरलल रोड मौजूद है। इस रोड़ से सेक्टर 94, 124, 125, 126, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133, 134 और 135 को लाफ मिलता है। यह 14 किमी का नया अलाइनमेंट सेक्टर 150, 160, 162, 164, 165 और 167 के साथ-साथ बनेगा।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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