ध्रुपद गायकी को झटका, पंडित अभय नारायण मल्लिक का निधन

पंडित अभय नारायण मल्लिक को ध्रुपद गायकी की शान कहा जाता था। वो लंबे समय से बीमार थे।

पंडित अभय नारायण मल्लिक का निधन

ध्रुपद गायकी के स्तंभ पं अभय नारायण मल्लिक का कल रात निधन हो गया। कालीदास सम्मान और संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड जैसे संगीत के अनेकों सम्मान पाने वाले पं जी ने अपने ग्रेटर नोएडा स्थित निवास स्थान पर आख़िरी साँस ली। शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम शैली ध्रुपद धमार के प्रख्यात गायक पं अभय नारायण मल्लिक 86 साल के थे जिनका जन्म बिहार के दरभंगा मल्लिक घराने में हुआ। सेनीया परंपरा के गौहारवाणी शैली को गाने वाले पं जी अपने घराने के वरिष्ठ गायक थे। देश-विदेश में अनेकों प्रस्तुति पं जी ने दी और लोगों का दिल जीता। संगीत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए बिहार सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और यूपी सरकार ने राजकीय सम्मान से नवाज़ा। बिहार सरकार ने उन्हें संगीत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए “बिहारी हो तो ऐसा “ अवार्ड से नवाज़ा। पं अभय नारायण मल्लिक अपनी चंहुमुखी गायकी के लिए शास्त्रीय संगीत की दुनिया मेॉ अलग पहचान रखते थे। उन्होंने गुरू शिष्य परंपरा के तहत कई शिष्य बनाए । उनके पीछे दरभंगा मलिक घराने की 300 वर्षों की परंपरा और उनकी विरासत है। पं जी के निधन से संगीत क्षेत्र में शोक की लहर है ।

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