Greater Noida West के सुपरटेक ईको विलेज-2 के दूषित पानी मामले में बिल्डर पर 5 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना, सैकड़ों लोग पड़े थे बीमार

सुपरटेक ईको विलेज-2 में रहने वाले हजारों लोगों को दूषित पानी पिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने बिल्डर पर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। बता दें कि 2 सितंबर को सोसाइटी में अचानक सैकड़ों बच्चे और बड़े बीमार पड़ गए थे। यहां के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया मिला था।

Eco Village 2 Patient

इको विलेज-2 के कई बच्चे अस्पतालों में भर्ती रहे

Greater Noida West में हाल की सबसे बड़ी खबर सुपरटेक ईको विलेज-2 सोसाइटी में सैकड़ों लोगों के बीमार होने की रही। यहां दूषित पानी पीने से लोगों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आए थे। अचानक सैकड़ों लोगों के बीमार पड़ने से पूरे जिले में हड़कंप मच गया था। इसका असर ज्यादातर बच्चों पर पड़ा और बड़ी संख्या में उन्हें आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था। अब प्रशासन ने ईको विलेज-2 में हुई पानी की इस गड़बड़ी के लिए सुपरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है।

ट्राइसिटी की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने बिल्डर पर 5 करोड़. 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सोसाइटी के लोग पानी में दुर्गंध आने और अजीब स्वाद की शिकायत कर रहे थे। लेकिन मैंटेनेंस एजेंसी टालमटोली करती रही और टैंक की सफाई का बहाना बनाया। फिर 2 सितंबर को अचानक आसपास के डॉक्टरों के पास उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार के लक्षणों के साथ सैकड़ों बच्चे पहुंचे, जिससे यहां हड़कंप मच गया।

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सोसाइटी के लोगों ने सीएमओ से इसकी शिकायत की। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2 सितंबर की रात सोसाइटी का दौरा किया और यहां दवा का वितरण किया गया। इसके बाद अगले दो-तीन दिन तक सोसाइटी के क्लब में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। 3 सितंबर की सुबह पानी के सैंपल लेकर उसकी जांच भी की गई। इस बीच सोसाइटी के लोगों ने गौतमबुध नगर के डीएम से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी, जिन्होंने ADM के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाने की बात कही।

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सोसाइटी के पानी की जांच में पाया गया कि यहां का पानी दूषित था। इसमें ई-कोलाई जैसा खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया, जो पेट के गंभीर संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर पर जो जुर्माना लगाया गया है, वह यहां के निवासियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने और उन्हें दूषित पानी की सप्लाई करने के लिए लगाया गया है। भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात भी प्रशासन ने की है, साथ ही नियमित जांच का आश्वासन भी दिया गया है।

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Digpal Singh author

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