कार के नीचे बच्चा आ गया... सुनकर डर गई महिला, खिड़की खोलते ही लूट लिया फोन, आपबीती जान रह जाएंगे हैरान

जिस पर्थला चौक के पास इस घटना को अंजाम दिया गया, वहां कहने को तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन महीनों से काम नहीं कर रहे हैं। 2 मई को ये घटना घटी है, लेकिन यूपी पुलिस टेक्नोलॉजी के युग में भी बदमाशों तक पहुंच नहीं सकी है।

नोएडा में महिला के साथ दिन-दहाड़े लूट

ग्रेटर नोएडा में बदमाशों के हौंसले कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिन दहाड़े, बेखौफ बदमाश, सबसे व्यस्त सड़कों में से एक पर्थला चौक के पास एक महिला का फोन लूट ले जाते हैं और पुलिस का अता-पता नहीं होता है। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पाई है। पीड़ित महिला ने खुद सामने आकर अपनी आपबीती सुनाई है।

पर्थला चौक के पास की घटना

यह घटना तब हुई जब 2 मई को टाइम्स नाउ में महाप्रबंधक (एचआर) के पद पर तैनात वांछा गर्ग अपने घर से नोएडा फिल्म सिटी की ओर आ रही थी। वांछा गर्ग बताती हैं- "2 मई को, सुबह लगभग 10 बजे, मैं एक मूर्ति से फिल्म सिटी स्थित अपने कार्यालय जा रही थी। पर्थला चौक से लगभग 200 मीटर पहले, मेरी कार एक बड़े ट्रैफिक जाम में फंस गई। तभी, एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझ पर चिल्लाने लगा कि मैंने उसे टक्कर मारी, उसने मुझसे कहा कि मैं अपनी खिड़की नीचे करूं, मैंने उसे नजरअंदाज करने की कोशिश की, क्योंकि मुझे यकीन था कि मैंने किसी को टक्कर नहीं मारी है। जिसके बाद वो जोर देने लगता है कि मुझे आगे गाड़ी नहीं बढ़ानी चाहिए, मेरी कार के पिछले पहिये के नीचे एक बच्चा आ गया है। मैं स्तब्ध हो गई, क्योंकि मैंने अपनी कार के पास किसी को भी नहीं देखा था, अचानक कोई मेरे पहिये के नीचे फंसे बच्चा फंसा होने का दावा कैसे कर सकता है? इसके बाद एक अन्य व्यक्ति मेरी खिड़की के पास आया और उसने जोर-जोर से उसे पीटना शुरू कर दिया, जिससे मैं वास्तव में डर गई।"

दो शख्स ने मिलकर दिया साजिश को अंजाम

वांछा आगे बताती हैं- "मैं सचमुच डर गई, यह सोच कर कि हो सकता है कि मैंने बिना सोचे-समझे उनके बच्चे को चोट पहुंचा दी हो। फिर लंगड़ाते हुए आदमी ने मुझे अपनी खिड़की नीचे करने के लिए कहा ताकि वह मुझसे बात कर सके और मुझे यह पता लगाने में मदद कर सके कि मैं अपनी कार को सुरक्षित रूप से कैसे वहां से निकालूं ताकि बच्चे को पहिए के पास से निकाला जा सके। मैं अत्यधिक घबराहट की स्थिति में थी, डर के मारे, मैंने उस आदमी की बात सुनने के लिए अनजाने में खिड़की को थोड़ा नीचे कर दिया, जैसे ही मैंने ऐसा किया, उसने तुरंत अपना हाथ अंदर कर दिया, जिससे मैं चौक गई और मैंने अपना हाथ हटाने के लिए उस पर चिल्लाया।"

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