Noida News: रेरा ने जारी किया नया आदेश, पजेशन लेटर के लिए जरूरी होगा OC/CC सर्टिफिकेट
Noida News: यूपी रेरा ने पजेशन लेटर के संबंध में डेवलपर्स के लिए एक नया आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार, पजेशन के लिए ओसी/सीसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है।
यूपी रेरा
Noida News: यूपी रेरा ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने वाले लोगों की परेशानियों और ओसी/सीसी प्राप्त करने की प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, अब पजेशन लेटर जारी करने के लिए ओसी यानी अधिभोग प्रमाण पत्र (Occupancy Certificate) आवश्यक होगा। यूपी रेरा के इस आदेश के बाद डेवलपर्स और घर खरीदने वाले दोनों ही लोगों ने आपत्ति जताई। इस मामले पर डेवलपर्स का कहना है की इस आदेश से कानूनी पचड़े में फंसे फ्लैटों के हैंडओवर में समय लग सकता है। वहीं खरीदारों का कहना है कि उन्हें बकाया राशि के लिए बिल्डर और संबंधित अधिकारियों के बीच झगड़े का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यूपी में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अपने सपनों का घर खरीदने के लिए फ्लैट लिया है। उन्हें डेवलपर्स द्वारा पजेशन सर्टिफिकेट तो मिल गया है, लेकिन ओसी और सीसी सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इस समस्या को दूर करने के लिए ही यूपी रेरा ने पजेशन लेटर के लिए ओसी और सीसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया है।
पजेशन के लिए जरूरी है ओसी सर्टिफिकेट
रेरा ने कहा कि डेवलपर्स और संबंधित अधिकारी ओसी प्राप्त करने के बाद ही पजेशन पत्र जारी कर सकते हैं। रेरा के सीनियर अधिकारी ने कहा की ओसी/सीसी मिलने के दो महीने के बाद पजेशन लेटर भेजा जाएगा। इसकी एक कॉपी आवंटियों (Allottees) को भी दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट पर ओसी/सीसी होने के बाद आवंटियों के पते पर, ईमेल और पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा। इसके संबंध में आवंटियों को टेक्स्ट के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा।
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रेरा के आदेश पर डेवलपर्स की प्रतिक्रिया
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, डेवलपर्स का कहना है कि संबंधित प्रमोटर को प्रोजेक्ट साइट और हेड ऑफिस पर इस प्रकार की जानकारी प्रदर्शित करनी चाहिए। वहीं पश्चिमी यूपी के क्रेडाई के सचिव दिनेश गुप्ता का कहना है कि रेरा अपने पहले के आदेश से पीछे हट रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इमारत की मजबूती, अग्नि सुरक्षा, लिफ्ट और बिजली आपूर्ति के बाद चार एनओसी प्राप्त करने के बाद पजेशन लेटर दिया जाता था। इससे पहले डेवलपर्स को सात दिन तक अधिकारी के जवाब का इंतजार करना पड़ता था। अधिकारी की तरफ से कोई जवाब न आने पर डेवलपर पजेशन लेटर जारी कर सकते थे। वह कहते हैं कि अब स्थिति ऐसी है कि डेवलपर्स को 30 दिन तक अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार करना होगा। उसके बाद ही वह पजेशन लेटर के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
पजेशन के आधार पर खरीदारों को फ्लैट में शिफ्ट होने दिया जाए
नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने रेरा के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर इमारत सुविधाओं के साथ तैयार है और पजेशन देने के लिए तैयार है तो खरीदारों को फ्लैटों में शिफ्ट होने देना चाहिए।
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आमान्य होगा डिमांड लेटर
रेरा ने कहा कि डेवलपर्स पजेशन लेटर के हिस्से के रूप मे डिमांड नोटिस नहीं भेज सकते हैं। रेरा का कहना है कि किसी भी दस्तावेज पर फाइनल डिमांड नोटिस और डिमांड नोटिस जैसे शब्द लिखने होंगे, वो अमान्य होगा। रेरा का कहना है कि डेवलपर्स फाइनल डिमांड नोटिस और डिमांड नोटिस के नाम से आवंटियों को भेजा जाने वाला लेटर भ्रम पैदा करने का काम करता है। उन्होंने कहा कि पजेशन लेटर में केवल पजेशन से संबंधित बात होनी चाहिए। इसलिए रेरा ने पोर्टल पर पजेशन लेटर का एक फॉर्मेट जारी किया है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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