Yamuna Authority Plan: विकास को लगेंगे पंख! यमुना अथॉरिटी की पहल से यहां बनने जा रहा लॉजिस्टिक पार्क, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

Yamuna Authority Logistics Park: यमुना प्राधिकरण एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने की तैयारी कर रही है। यह मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क यमुना एक्सप्रेसवे पर टप्पल अर्बन सेंटर में बनाया जाएगा। यहां से जेवर एयरपोर्ट काफी नजदीक है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के बनने से पूरे क्षेत्र के विकास को पंख लग जाएंगे। इसके लिए टेंडर निकाले जाएंगे।

यमुना प्राधिकरण की ओर से टप्पल अर्बन सेंटर में किया जाएगा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण

मुख्य बातें
  • यमुना एक्सप्रेसवे के टप्पल अर्बन सेंटर में बनेगा लॉजिस्टिक पार्क
  • इसको बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण निकालेगी टेंडर
  • हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और रेलमार्ग से जुड़ेगा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क


Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे टप्पल अर्बन सेंटर में प्रदेश का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क दो वर्ष में बनाकर तैयार करने की योजना है। इसे बनाने वाली कंपनी के चयन के लिए इसी सोमवार को टेंडर निकाले जाएंगे। बता दें कि, यमुना प्राधिकरण को इस परियोजना से हर साल 10 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस मिला करेगी। यमुना प्राधिकरण ने टप्पल अर्बन सेंटर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए डीपीआर एक विशेषज्ञ कंपनी तैयार करवा ली है। इस डीपीआर के आधार पर ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) और अनुबंध पत्र तैयार करा लिए गए हैं।

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बता दें कि, लखनऊ में 25 जनवरी को हुई एक बैठक में पीपीपी बिड वैल्यूएशन कमेटी ने आरएफपी और अनुबंध पत्र देखने के बाद इसपर अपनी मुहर लगा दी थी। अब इसी सोमवार को यमुना प्राधिकरण टेंडर निकालने का काम करेगा। टेंडर के आधार पर विकासकर्ता कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। यह मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग से भी जुड़ा हुआ होगा। यह इलाका जेवर एयरपोर्ट से काफी करीब है।

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इस वजह से है बेहतर कनेक्टिविटीयमुना प्राधिकरण की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया है कि, यह मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा, इसलिए इसकी कनेक्टिविटी बहुत बेहतर होगी। यह क्षेत्र दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग से भी जुड़ा हुआ है। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यह क्षेत्र टच करता है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क परियोजना 950 हेक्टेयर में पूरी करने की योजना है। तीन चरणों में बनने वाली इस परियोजना का पहला चरण 200 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। प्राधिकरण की ओर से बताया गया है कि, इस परियोजना पर 3500 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।

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