चार महीने में शुरू हो जाएगा मेट्रो का काम, एक ही रूट पर चलेंगे मेट्रो, रैपिड रेल और LRT

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग लंबे समय से मेट्रो की मांग और इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, यहां से सिर्फ मेट्रो ही नहीं, रैपिड रेल का रूट भी तय है। अब अच्छी खबर ये है कि अगले चार महीने में गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल और मेट्रो का काम चालू हो जाएगा।

रैपिड रेल का काम चार महीने में होगा शुरू

ग्रेटर नोएडा लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। सरकारों का ध्यान भी इस इलाके को NCR के अन्य इलाकों से जोड़ने और इसके सर्वांगीण विकास की ओर है। ग्रेटर नोएडा में ही देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा यानी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बन रहा है। ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी के साथ ही कई औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं। ऐसे में ग्रेटर नोएडा की NCR के अन्य शहरों से कनेक्टिविटी को और भी बेहतर किया जा रहा है। इसमें हाईवे, ट्रेन और मेट्रो सभी शामिल हैं। इसी क्रम में यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने रैपिड-कम-मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए फंड की भी घोषणा कर दी है।
बोर्ड मीटिंग के बाद यीड़ा ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। यीड़ा की इस घोषणा से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली रैपिड रेल-कम-मेट्रो रेल के जरिए जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा। बता दें कि जेवर एयरपोर्ट के अगले साल अप्रैल तक चालू होने की उम्मीद है। इसके अलावा भी यीडा की बोर्ड बैठक में जमीन अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और रियल स्टेट को लेकर बातचीत हुई।

अनोखा होगा गाजियाबाद-नोएडा एयरपोर्ट ट्रैक

गाजियाबाद में RRTS कॉरिडोर से जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बन रहे 72.44 किमी लंबा ट्रैक अपने आप में अद्भुत होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे यातायात के तीन अलग-अलग माध्यमों के लिए एक साथ इस्तेमाल किया जाएगा। इस ट्रैक पर रैपिड रेल के साथ ही मेट्रो भी चलाई जागी। यही नहीं इसी रूट पर लाइट रेल भी चलेगी। यीडा के CEO अरुण वीर सिंह का कहना है कि यह भारत का पहला प्रोजेक्ट होगा, जिसमें रैपिड रेल, मेट्रो और लाइट रेल भी एक ही ट्रैक पर चलेंगे।

सिर्फ 14 किमी में चलेगी लाइट रेल

जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गाजियाबाद RRTS तक रैपिड रेल का संचालन होगा, जो आगे एक ओर दिल्ली और दूसरी ओर मेरठ को कनेक्ट करेगा। इसी ट्रैक पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो चलाई जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट से यीड़ क्षेत्र में सेक्टर 21 जहां फिल्म सिटी बनाई जा रही है, तक लाइट रेल (LRT) चलाने का प्रस्ताव है। लाइट रेल कुल 14 किमी की दूरी के लिए चलेगी। LRT की अधिकतम स्पीड 21 किमी प्रति घंटा होगी। रैपिड रेल 140 किमी प्रति घंटा और मेट्रो 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

नोएडा मेट्रो प्रोजेक्ट

नोएडा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, नोएडा सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में नॉलेज पार्क-5 को कनेक्ट करेगा। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 4 में नोएडा मेट्रो भी रैपिड रेल से जुड़ जाएगी। सेक्टर 4 से नॉलेज पार्क-5 के बीच एक्वा लाइन मेट्रो, रैपिड रेल के ट्रैक पर चलेगी। अरुण वीर सिंह का कहना है कि NCRTC इस रेल प्रोजेक्ट के लिए फंड की व्यवस्था करेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम राज्य के अपने HUDCO से 30 हजार, 529 करोड़ का लोन लेंगे। इस प्रोजेक्ट को अगले 4-5 साल में तैयार किया जाएगा, क्योंकि हम एयरपोर्ट तक मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना चाहते हैं।

एक्वा लाइन के 11 स्टेशन बनेंगे

नोएडा सेक्टर 51 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जोड़ने वाली एक्वा लाइन मेट्रो के लिए इस प्रोजेक्ट में कुल 11 स्टेशन बनेंगे। हालांकि, आरआरटीएस के 11 स्टेशनों पर भी एक्वा लाइन मेट्रो का स्टॉपेज होगा। लेकिन रैपिड रेल सिर्फ 11 स्टेशनों पर ही रुकेगी। इसमें नोएडा एयरपोर्ट पर अंडरग्राउंड एयरपोर्ट बनाया जाएगा। बता दें कि इन 11 में गाजियाबाद का स्टेशन शामिल नहीं होगा।
S. No.ये होंगे रैपिड रेल के स्टेशनये होंगे नोएडा मेट्रो के स्टेशन
1गाजियाबाद साउथसिद्धार्थ नगर
2ग्रेनो सेक्टर 4 (चार मूर्ति)ग्रेनो सेक्टर-16 सी (गौर सिटी)
3ग्रेनो सेक्टर 2ईकोटेक -12
4ग्रेनो सेक्टर 12ग्रेनो सेक्टर-3
5मलकपुरग्रेनो सेक्टर-10
6एल्फा-1नॉलेज पार्क-5
7ईकोटेक-6पुलिस लाइन सूरजपुर
8दनकौरइकोटेक-2
9यीड़ा नॉर्थ (सेक्टर-18)नॉलेज पार्क-3
10यीड़ा सेंट्रल (सेक्टर-21)ओमेगा-2
11नोएडा एयरपोर्टइकोटेक-1ई

चार महीने में शुरू होगा काम

72.44 किमी लंबे रैपिड रेल रूट में 71.5 किमी का ट्रैक एलिवेटेड होगा और सिर्फ 1.29 किमी ही अंडरग्राउंड रहेगा। इस रूट पर कुल 22 स्टेशन बना जाएंगे, जिनमें से 21 एलिवेटेड होंगे और एक अंडरग्राउंड। भविष्य में 12 स्टेशनों का एक्सपेंशन हो सकता है। वैसे तो रैपिड रेल में कुल 38 स्टेशन होंगे, लेकिन डीपीआर में सिर्फ 25 स्टेशनों का ही जिक्र है, जिन पर केंद्र से अनुमति मिलने पर अगले 4 महीने में काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि चार महीने से पहले केंद्र की तरफ से अप्रूवल आ जाएगा।
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