Gurugram: शीतला माता मंदिर में अगले सप्ताह लगेगा चैत्र मेला, उमड़ेगी लाखों भक्‍तों की भीड़, जुड़ी है खास मान्‍यता

Gurugram: गुरुग्राम के प्राचीन शीतला माता मंदिर में प्रसिद्ध चैत्र मेले का आयोजन 9 मार्च से 6 अप्रैल तक किया जाएगा। इस मेले में पहुंचने वाले लाखों भक्‍तों के लिए मंदिर बोर्ड ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। प्रशासन की तरफ से मंदिर में भक्‍तों के पहुंचने के लिए उचित परिवहन व्‍यवस्‍था की गई है। इसके अलावा मंदिर परिसर में भी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गया है।

Sheetla Mata Temple

प्राचीन शीतला माता मंदिर

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • प्रसिद्ध चैत्र मेले का आयोजन 9 मार्च से 6 अप्रैल तक
  • मेले में हर साल कई राज्‍यों से पहुंचते हैं लाखों भक्‍त
  • मेला परिसर में सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं की तैयारी शुरू

Gurugram: गुरुग्राम के प्राचीन शीतला माता मंदिर में 9 मार्च से 6 अप्रैल तक प्रसिद्ध चैत्र मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में हरियाणा, दिल्‍ली-एनसीआर के शहरों के अलावा दूसरे राज्‍यों से भी लाखों भक्‍त पहुंचते हैं। इस मेले के भव्‍य आयोजन के लिए माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मेले की तैयारियों की समीक्षा के लिए बोर्ड के मुख्य प्रशासक एवं सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह ने आज मंदिर परिसर में बोर्ड के सदस्यों की एक बैठक बुलाई है। इसकी जानकारी देते हुए एसडीएम प्रदीप सिंह ने बताया कि इस बैठक में भक्‍तों के लिए सुविधाओं के विकास और सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर चर्चा की जाएगी।

एसडीएम प्रदीप सिंह ने बताया कि गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर पूरे उत्तर भारत के श्रद्धालुओं में विशेष स्थान रखता है। हर साल आयोजित होने वाले चैत्र मेले में लाखों भक्‍त आते हैं। इसलिए मंदिर परिसर में और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने पड़ते हैं। शहर के मुख्य आवागमन स्थलों जैसे बस अड्डे, रेलवे स्टेशन से मंदिर तक सुगम आवगमन के लिए बस और ऑटो-टैक्‍सी का उचित प्रबंध किया गया है। इन जगहों से मंदिर के लिए 24 घंटे परिवहन की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा मंदिर परिसर के आसपास अस्थाई व मोबाइल शौचालयों एवं पेयजल की व्‍यवस्‍था की जा रही है। इन सभी व्यवस्था के लिए संबंधित विभागों की जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

महाभारत काल से जुड़ी है इस मंदिर की मान्‍यताबता दें कि विश्व प्रसिद्ध माता शीतला मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। मान्‍यता है कि आचार्य द्रोणाचार्य ने यहीं पर ही पांडवों और कौरवों को प्रशिक्षण दिया था। स्कंद पुराण में वर्णित कथा के अनुसार शीतला माता को सृष्टि को आरोग्य रखने की जिम्मेदारी मिली है। कहा जाता है कि यहां पर शीतला माता के दर्शन करने मात्र से खसरा, चेचक व नेत्र विकार दूर हो जाता है। यही कारण है कि इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर का वर्तमान भवन करीब ढ़ाई-तीन सौ साल पुराना है। इसका निर्माण सिंघा जाट नाम के एक व्यक्ति ने सपने में शीतला माता का दर्शन करने के बाद कराया था। मंदिर के प्रांगड़ में सालों पुराना एक बरगद का पेड़ है। मान्यता है कि इसमें धागा बांधने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | गुरुग्राम (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited