Pollution Update: जहरीली हवा की कैद में दिल्ली-NCR; AQI 300 के पार; मुंबई में धुंध ने किया बेहाल

Pollution Update: दिल्ली का एक्यूआई 212 रहा जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। रुग्राम में सोमवार को एक्यूआई 181 दर्ज किया गया। वर्तमान में, Gurgaon दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 41वें स्थान पर है। उधर, मुंबई में वातावरण में धुंध छाई है, जिससे लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।

Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर के साथ मुंबई तक प्रदूषण की मार है। सीपीसीबी के अनुसार सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 212 रहा जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के अनुसार 201 से 300 के बीच का एक्यूआई स्तर ‘खराब’ श्रेणी में आता है, जो संवेदनशील समूहों और श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। हालांकि, नोएडा में 86 एक्यूआई दर्ज किया जा रहा है। कमोबेश यही हाल यूपी के कानपुर का है। उधर, हरियाणा-पंजाब के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। आज आगरा शहर में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में है।

कितना प्रदूषण ठीक कितना खराब

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। गुरुग्राम में सोमवार को एक्यूआई 181 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। लेकिन, चंड़ीगढ़ में 110 एक्यूआई है। इधर, फरीदाबाद में एक्यूआई 110 है। वर्तमान में, Faridabad दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 238th स्थान पर है। मुंबई की हवा हर दिन खराब हो रही है और इस इस हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है. प्रदूषण के हॉटस्पॉट शहर के कई इलाकों में बन गए है। शिवाजी नगर, कांदिवली और देवनार जैसे इलाके गंभीर प्रदूषण से जूझ रहे हैं।

मुंबई में हालत खराब

मुंबई में एक्यूआई 122 दर्ज किया जा रहा है, लेकिन वातावरण में धुंध छाई हुई है, जिससे लोगों सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। वर्तमान में, Mumbai दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 184th स्थान पर है। मुंबई में तापमान में गिरावट और बढ़ते प्रदूषण ने स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं। लोगों को सांस की बीमारियों, निमोनिया, सर्दी-खांसी और बुखार का सामना करना पड़ रहा है। खांसी हफ्तों तक बनी रहती है, जबकि बुखार कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। प्रदूषण से थकान, मूड स्विंग और मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है।

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