Gurugram के ओरिस बिल्डर के ठिकानों पर ED की रेड, 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी

गुरुग्राम के ओरिस बिल्डर के ठिकानों पर ईडी की रेड पड़ी है। ईडी कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को गलत लाभ पहुंचाने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट धोखाधड़ी, गबन और फंड की हेराफेरी के आरोपों की जांच कर रही है।

गुरुग्राम: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने कथित 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में कुछ रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में कई परिसरों पर छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी ओरिस बिल्डर के ठिकानों के साथ-साथ उसकी सहयोगी कंपनियों के ठिकानों पर की गई। केंद्रीय एजेंसी के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दिल्ली-एनसीआर में लगभग 12 से अधिक परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

रियल एस्टेट धोखाधड़ी

ईडी की जांच, धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जा रही है, जो दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लेने के बाद शुरू की गई है। एफआईआर कुछ घर खरीदारों की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिन्होंने इन कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में निवेश किया था। ईडी कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को गलत लाभ पहुंचाने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट धोखाधड़ी, गबन और फंड की हेराफेरी के आरोपों की जांच कर रही है।

आरोप है कि कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एकत्र की, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं पर केवल 500 करोड़ रुपये ही खर्च किए, जो बिना मंजूरी के लाइसेंस प्राप्त भूमि के एक हिस्से की 'धोखाधड़ी' से बिक्री और आगे के निवेश के लिए धन के "विपथन" के कारण रुकी हुई थीं। यही कारण है कि सुबह 6:00 बजे से ईडी की टीम तमाम दस्तावेजों को खंगालने में जुटी है।

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