Famous Temple in Gurugram: इस मंदिर में साक्षात वास करती है माता शीतला, दर्शन मात्र से खत्म हो जाते हैं कई रोग, इतिहास है बहुत रोचक
Famous Temple to Visit in Gurugram: गुरुग्राम में स्थित शीतला माता मंदिर के साथ भी लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां पर माता शीतला साक्षात वास करती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत के साथ जुड़ा है। इस मंदिर में दर्शन मात्र से चेचक, खसरा और नेत्र रोग जैसी बीमारियां कुछ ही दिन में जड़ से खत्म हो जाती हैं।
गुरुग्राम का माता शीतला मंदिर
मुख्य बातें
- महाभारत काल से जुड़ा है इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास
- चेचक, खसरा और नेत्र रोग जैसी बीमारियां हो जाती हैं ठीक
- यहां पर माता शीतला करती हैं साक्षात वास
Temples to Visit in Gurugram : भारत की भूमि को देवों की भूमि माना जाता है। यहां की धार्मिक मान्यताओं में इतिहास के साथ चमत्कार जुड़ा हुआ है। यहां पर मौजूद मंदिरों के साथ लाखों भक्तों की अनूठा आस्था और विश्वास जुड़ा होता है। गुरुग्राम में स्थित शीतला माता मंदिर के साथ भी लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में माता शीतला साक्षात वास करती हैं।
मंदिर के इतिहास के अनुसार, यह मंदिर महाभारत काल से स्थापित है। वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है। कहा जाता है कि यहां के सिंघा जाट नाम के व्यक्ति को सपने में माता शीतला ने दर्शन देकर यहां पर मंदिर बनाने के लिए कहा था। जिसके बाद मंदिर की स्थापना की गई और तभी से माता शीतला यहीं पर निवास करती हैं। कहा जाता है कि, इस मंदिर में दर्शन मात्र से चेचक, खसरा और नेत्र रोग जैसी बीमारियां कुछ ही दिन में जड़ से खत्म हो जाती हैं।
आचार्य द्रोणाचार्य ने यहीं दिया था कौरवों और पांडवों को प्रशिक्षण
इस मंदिर के साथ एक प्राचीन इतिहास जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि महाभारत काल में आचार्य द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को माता शीतला मंदिर के पास ही प्रशिक्षण दिया था। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी ने शीतला माता को सृष्टि को आरोग्य रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसलिए शीतला माता की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति बीमारियों और विकारों से मुक्त हो जाता है। यही कारण है कि यहां पर सालभर भक्तों का तांता लगता है। नए साल के खास मौके पर यहां गुरुग्राम के अलावा दिल्ली-एनसीआर के भी हजारों भक्त मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।मां करती हैं मन्नतें पूरी
माता शीतला के इस मंदिर में हर साल शीतला अष्टमी के दिन लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मां का आशीर्वाद पाने के लिए यहां पर देश के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में सैकड़ों साल पुराना एक बरगद का पेड़ भी है। मान्यता है कि, इस पेड़ में अपनी मन्नत का धागा बांधने से वह मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता शीतला को बच्चों की संरक्षिका भी कहा जाता है। इसलिए यहां पर स्त्रियां संतान प्राप्ति के लिए भी माता का आशीर्वाद लेने पहुंचती हैं। देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | गुरुग्राम (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
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