Gurugram News: फोन में बिजी था लाइफगार्ड, लापरवाही से गई बच्चे की जान, स्विमिंग पूल में डूबने मासूम की मौत

Gurugram News: गुरुग्राम बीपीटीपी पार्क सेरेन सोसायटी के स्विमिंग पूल में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई। मोबाइल फोन में व्यस्त होने के कारण लाइफगार्ड ने बच्चे को डूबते हुए नहीं देखा। परिवार ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है। पुलिस ने परिवार की शिकायत पर दोनों लाइफगार्ड को गिरफ्तार कर लिया है।

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स्विमिंग पूल में डूबने मासूम की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Gurugram News: हरियाणा के गुरुग्राम जिले की एक सोसायटी में एक बच्चे के स्विमिंग पूल में डूबने के कारण मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर लाइफगार्ड भी मौजूद थे। सोचने वाली बात ये है कि लाइफगार्ड की मौजूदगी में बच्चा कैसे डूब गया। परिवार ने लाइफगार्ड, डेवलपर और क्लब मैनेजर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने इस मामले में स्विमिंग पुल के पास मौजूद दोनों लाइफगार्ड को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि ये घटना सेक्टर 37 डी बीपीटीपी पार्क सेरेन की है। यहां करीब 400 परिवार रहते हैं। सात टावरों के साथ यहां क्लब हाउस और एक पूल भी है।

लाइफगार्ड के होने पर भी बच्चे की डूबने से मौत

TOI की खबर के अनुसार, जिस दौरान बच्चा स्विमिंग पूल के गहरे पानी वाले हिस्से में डूब रहा था तब दोनों लाइफगार्ड अपने फोन में व्यस्त थे। यही कारण है कि उन्हें इस घटना के बारे में पता ही नहीं चला। पुलिस ने बताया कि बच्चा वयस्कों के लिए बने स्विमिंग पूल के गहरे पानी वाले हिस्से में चला गया था। लेकिन लाइफगार्ड ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। बच्चा 6 से 7 मिनट तक तैरने के लिए संघर्ष करता रहा। अन्य बच्चों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया, तब जाकर लाइफगार्ड ने बच्चे को डूबते हुए देखा और उसे पानी से बाहर निकालकर अस्पताल ले गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित किया।

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टीओआई की खबर के अनुसार, गिरफ्तार लाइफगार्ड ने सोसायटी के लोगों के सामने स्वीकार किया कि उन्हें न ही सीपीआर देने आता है और न ही वह प्रोफेशनल तैराक हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों में से एक लाइफगार्ड को दो दिन पहले और एक को करीब एक सप्ताह पहले ही नौकरी पर रखा गया है। परिवार का आरोप है कि लाइफगार्ड की लापरवाही से बच्चे की जान गई है। उनका कहना है कि अगर क्लब प्रबंधन ने प्रशिक्षण वाले सही लाइफगार्डों को नौकरी पर रखा होता तो आज उनका बच्चा जीवित होता।

पुलिस में मामला दर्ज

घटना की सूचना मिलते ही और परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने लाइफगार्ड, डेवलपर और क्लब प्रबंधन के खिलाफ बीएनएस की धारा 106 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया। बता दें कि पुलिस घटना की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि बच्चा स्कूल के बाद घर आया था। उसे स्विमिंग का बहुत शौक था। यही कारण है कि वह अक्सर स्विमिंग पूल के पास जाता आता रहता था। उस दिन भी वह अपनी दादी के साथ स्विमिंग पूल पर गया था। कुछ काम से चलते दादी घर वापस लौट गई थी। बताया जा रहा है कि लाइफगार्ड और सुरक्षा गार्ड की मौजूद होने से बच्चे को सुरक्षित समझते हुए वह घर लौट गई। तभी ये घटना हो गई। पुलिस ने गिरफ्तार लाइफगार्ड की पहचान मध्य प्रदेश के दमोह के निवासी दुर्ग और बिहार के गोपालगंज के निवासी आकाश के रूप में की है।

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घटना पर बीपीएमएस प्रबंधन ने क्या कहा

बच्चे के स्विमिंग पूल में डूबने की घटना की सूचना मिलने के बाद बीपीएमएस प्रबंधन ने एक बयान में इस घटना में पांच वर्ष के मेवांश की मृत्यु पर दुख प्रकट किया। प्रबंधन ये भी बताया कि लाइफगार्ड को एक निजी एजेंसी के माध्यम से काम पर रखा गया था। उन्होंने आगे इस घटना की जांच करने की बात की। ।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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