Gurugram History: कैसे गुड़गांव बना गुरुग्राम, जानिए 2000 साल पुराना शहर क्यों कहलाता है भारत का सिंगापुर

Gurugram History: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुणगांव को महाभारत काल में कौरवों-पांडवों को पढ़ाने वाले गुरु द्रोणाचार्य को यह जिला उपहार में दिया गया था। शायद इसी कल्पना के चलते इसका नया नाम गुरुग्राम पड़ा।

Gurugram History

गुरुग्राम का इतिहास

गुरुग्राम: हरियाणा का गुरुग्राम एनसीआर क्षेत्र का प्रमुख शहर है। इस शहर का इतिहास 2000 साल पुराना बताया जाता है। राजधानी दिल्ली से सटे होने के कारण इस शहर में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। शहर कंपनियों का हब है और यहां देशभर के कोने-कोने से लोग रोजगार की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं। कई बड़ी कंपनियों से लैस शहर किसी को खाली हाथ वापस नहीं करता जो भी रोजी की तलाश में यहां पहुंचा उसकी उम्मीद पर खरा उतरा। यही कारण है कि इसे भारत का सिंगापुर कहा जाता है। पौराणिक काल से लेकर भारत का सिंगापुर बनने की इस शहर की कहानी काफी दिलचस्प है। इसका जिक्र महाभारत काल से मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में कौरवों-पांडवों को पढ़ाने वाले गुरु द्रोणाचार्य को यह जिला उपहार में दिया गया था। शायद इसी कल्पना के चलते इसका नया नाम गुरुग्राम पड़ा। आइये जानते हैं क्या है वास्तविक कारण।

2016 में गुड़गांव का नाम बदलकर हुआ गुरुग्राम

साल 2016 में गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया। इसके पीछे सरकार और सरकारी अधिकारियों का तर्क था कि हरियाणा श्रीमद् भगवद गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुरुग्राम गुरु द्रोण की शिक्षा का शहर है। गुरुग्राम की स्थापना हरियाणा के गठन के समय ही जिले के रूप में 01 नवम्बर 1966 में की गई थी। महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर ने गुरुग्राम को अपने धर्मगुरु द्रोणाचार्य को उपहार स्वरूप दिया था और आज भी उनके नाम पर एक तालाब के भग्नावशेष तथा एक मंदिर प्रतीक के तौर पर विद्यमान हैं। इस कारण इसका नाम गुरु गांव पड़ा था। ऐतिहसिक रूप से गुडगांव में हिन्दू लोग बसे हुए थे और यह प्राचीन काल में अहीर द्वारा स्थापित व्यापक साम्राज्य का हिस्सा होता था। पहले इतिहास में कहा जाता था की यह गुरु द्रौणाचार्य का गांव था, जो की कौरवों और पांडवों के शिक्षक थे। अकबर के शासनकाल के दौरान गुरुग्राम, दिल्ली और आगरा के क्षेत्रों में गिना जाने लगा।

महाभारत काल से है नाता

महाभारत काल के बाद इस इलाके को यदुवंशी और जादौन जनजातियों के राजपूतों ने भी अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाया। बाद में जब मुगल भारत आए तब बाबर ने सबसे पहले इस इलाके को जीता और यहां पर शासन किया। वहीं, मुगलों ने इस जमीन पर सन् 1803 तक शासन किया। एबीपी की वेबसाइट के मुताबिक, बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस भाग को जीता और देश को आजादी मिलने तक भारत के बाकी इलाके की तरह यहां पर भी ब्रिटिश हुकूमत ने शासन किया।

आजादी के समय गुरुग्राम पंजाब का हिस्सा

आजादी के समय 1947 के आजाद भारत में गुरुग्राम पंजाब का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन साल 1963 में एक नया राज्य हरियाणा बना और तबसे गुरुग्राम इसी राज्य का हिस्सा है। गुरुग्राम के मानेसर में मारुति सुजुकी ने अपना पहला कारखाना खोला। उसके बाद कई कॉर्पोरेट कंपनियां सस्ती जमीन, दिल्ली से नजदीकी और कई अन्य कारणों की वजह से इस जिले में आईं। इन कंपनियों ने यहां पर भारी भरकम निवेश किया और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा साइबर हब बन गया। आज बड़ी कंपनियां हुनरमंदों के साथ आईटी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर रोजगार मुहैया करा रहा है।

घूमने की जगहगुड़गांव में दमदमा झील, पटौदी पैलेस, किंगडम ऑफ ड्रीम्स और सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान घूमने के अलावा अन्य कई जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। गुरुग्राम में वीकेंड में घूमने के लिए सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान एक अच्छी और फेमस जगह है। यह स्थान प्रकृति और पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। कहा जाता है कि मानसून के समय यहां कई पक्षियों की प्रजातियां देखी जाती हैं। आपको बता दें कि इस राष्ट्रीय उद्यान में आप ट्रैकिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। परिवार, दोस्तों और पार्टनर के साथ गुड़गांव में घूमने के लिए एक अच्छी जगह हो सकती है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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