गुरुग्राम समेत हरियाणा के कई शहरों की हवा जहरीली, सुबह-शाम छाया स्मॉग, पराली ही नहीं ये भी प्रदूषण की वजह

हरियाणा के कई शहरों में हवा का स्तर खराब बना हुआ है। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ का एक्यूआई तो 300 पार पहुंच चुका है। हालांकि हरियाणा में पराली जलाने के मामले में कमी आई है। लेकिन हवा की गुणवत्ता में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। इस दौरान हवा की गति कम रहने के कारण भी परेशानी बनी हुई है।

हरियाणा में प्रदूषण

Haryana Pollution: दिल्ली के साथ ही हरियाणा की हवा भी दमघोंटू हो गई है। गुरुग्राम समेत कई शहरों में हवा की गुणवत्ता ऑरेंज जोन में है। वायु गुणवत्ता सूचकांक भी लगातार खराब से बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हो रहा है। प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से उठाए कदम भी काफी साबित नहीं हो रहे हैं। हालांकि हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। लेकिन अभी भी किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है। वहीं हवा की गति कम रहने से भी प्रदूषण बढ़ा हुआ है। इसके अलावा वाहनों के उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियां, कारखानों से निकलने वाला उत्सर्जन आदि भी प्रदूषण की वजह है।

हरियाणा के शहरों का AQI

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के समीर ऐप के अनुसार आज रात करीब 9 बजे हरियाणा के शहरों में एक्यूआई खराब स्तर पर रहा। गुरुग्राम का एक्यूआई 280, यमुना नगर का एक्यूआई 243, बहादुरगढ़ का में 254, भिवानी का 275, सोनीपत का 259, जींद का 293, धारूहेड़ा का 263, पंचकुला का 229, कुरुक्षेत्र का 177 और रोहतक का 228 दर्ज किया गया है। वहीं हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता रेड जोन में है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पार दर्ज किया गया है। सोमवार रात 9 बजे चंडीगढ़ का एक्यूआई 330 अंक पर रहा।

पराली जलाने के मामलों में कमी

हरियाणा में पिछले एक महीने से परील जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ था। वहीं दीपावली पर पटाखे जलाने से हवा की गुणवत्ता और बिगड़ गई। हालांकि प्रशासन की सख्ती के कारण पराली जलाने के मामले में कमी आई है। मौसम विभाग के अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में 9 नई जगहों पर फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आए हैं। जिसमें प्रशासन की ओर से जुर्माने की कार्रवाई भी हुई है।

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