उठो, जागो और पढ़ो...! सुबह साढ़े चार बजे मंदिर-मस्जिद से होगा ऐलान, BJP शासित सूबे का 'फरमान'

हरियाणा में बोर्ड एग्जाम्स मार्च 2023 में होने हैं। परीक्षाओं से 70 दिन पहले इस लेटर के जरिए स्कूल प्रिसिंपल्स को अलर्ट मोड में लाया गया है। लेटर में इसी के साथ यह भी कहा गया है कि स्कूल अपना रिजल्ट सुधारने के मकसद से प्लान बनाएं।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

हरियाणा में शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स से कहा है कि वे ग्राम पंचायतों के जरिए लोगों के घरों में पढ़ने वाला माहौल बनवाने के प्रयास करें। खासकर वे बच्चों को सुबह उठने के लिए प्रेरित करें और कहें कि वे सुबह साढ़े चार बजे बैठ कर पढ़ें। गुरुवार (22 दिसंबर, 2022) को सभी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को यह निर्देश विभाग की ओर से तब जारी किया, जब कुछ महीने बाद सूबे में 10वीं-12वीं के सालाना बोर्ड एग्जाम हैं।

अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित सूबे के शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देश में कहा गया- पंचायत के चुने गए नए सदस्यों से अपील की जाती है कि वे गांव में भोर (सुबह की शुरुआत में) के वक्त ऐसा माहौल बनाएं, जिससे पढ़ाई की जा सके। सुबह इसके लिए होने वाली घोषणाओं के लिए मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा से संपर्क किया जाए, ताकि छात्रों को उठवाया जा सके और वे उसी समय पढ़ना चालू कर सकें। छात्रों को इस पहल के तहत पढ़ने के लिए दो से तीन घंटे अतिरिक्त मिल जाएंगे।

डायरेक्टर (सेकेंड्री एजुकेशन) अंशज सिंह ने इस बाबत जिला शिक्षा अफसरों और सभी सरकारी स्कूल्स के प्रिंसिपल्स को एक लेटर भेजा है, जिसमें राज्य सरकार ने कहा है कि वे 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं से जुड़ी तैयारी कराने के लिए जरूरी कदम उठाएं। इस लेटर की कॉपी स्टेट एडिश्नल चीफ सेक्रेट्री (स्कूल एजुकेशन) महावीर सिंह को भी भेजी गई है।

अशंराज सिंह की चिट्ठी के मुताबिक, जल्दी सुबह् पढ़ाई के लिए छात्रों को अतिरिक्त समय मिल सके, इसके लिए अभिभावकों और शिक्षकों की ओर से संयुक्त तौर पर योजना बनाई जाएगी। पत्र के मुताबिक, पढ़ाई के लिए सुबह के शुरुआती घंटे सबसे बेहतरीन रहते हैं। दिमाग भी तब तरोताजा रहता है और माहौल भी शांत होता है। गाड़ियों का हो-हल्ला नहीं रहता।

आगे कहा गया- टीचर्स इसके लिए पैरेंट्स से कहें कि वे सुबह साढ़े चार बजे उठें। अभिभावक यह भी सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर किताबें लेकर बैठ जाएं। वॉट्सऐप के जरिए टीचर्स भी इस बारे में पैरेंट्स से पूछें कि क्या वे (छात्र) उठ गए और पढ़ने लगे या नहीं...। अगर पैरेंट्स उनके साथ इस मामले में सहयोग न करें तब इस बात को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को बताया जाए।

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लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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