Pataudi Rewari Gurgaon Expressway: फिर से शुरू होगा पटौदी-रेवाड़ी-गुड़गांव एक्सप्रेसवे का चौड़ीकरण, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

Pataudi Rewari Gurgaon Expressway Widening News: दिल्ली और हरियाणा आने जाने वालों के लिए खुशखबरी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पटौदी-रेवाड़ी-गुड़गांव एक्सप्रेसवे के चौड़ीकरण को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है।

Pataudi Rewari Gurgaon Expressway Widening, Highway News, NHAI, Supreme Court

पटौदी-रेवाड़ी-गुड़गांव एक्सप्रेसवे के चौड़ीकरण को मिली मंजूरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Pataudi Rewari Gurgaon Expressway Widening News: दिल्ली और हरियाणा के लोगों के लिए गुड न्यूज है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को पटौदी-रेवाड़ी-गुड़गांव एक्सप्रेसवे के चौड़ीकरण को फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। जिसे पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने एफ्रोरेस्ट्रेशन कंपेनसेटरी (compensatory afforestation) पर रोक लगा दी थी। अदालत ने ने नेशनल हाईवे ऑथरिटी से प्रतिवादियों (पर्यावरणविदों) को पौधे लगाने के लिए भूमि की पहचान करने में शामिल करने के लिए भी कहा।

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम, रेवाड़ी और पटौदी को जोड़ने वाली फोर-लेन 43 किलोमीटर लंबी हाईवे प्रोजेक्ट को चौड़ा करने का काम जुलाई 2020 में शुरू हुआ था, लेकिन प्रोजेक्ट के लिए दी गई वन मंजूरी के खिलाफ पर्यावरणविदों द्वारा दायर अपील पर NGTने सितंबर 2022 में रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि साइट (पंचकुला) जहां कंपेनसेटरी एफ्रोरेस्ट्रेशन किया जा रहा है, उस स्थान से 300 किमी दूर है जहां पेड़ काटे जा रहे हैं और इस तरह के वृक्षारोपण कोई मुआवजा नहीं है।

एनजीटी ने साइट का दौरा करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया। संयुक्त समिति की रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि पंचकूला में कंपेनसेटरी एफ्रोरेस्ट्रेशन किया जा रहा है। 2 सितंबर 2022 को जारी अपने आदेश में एनजीटी ने कहा कि जिस जगह से पेड़ काटे गए हैं, उसके 10 किमी के भीतर वनरोपन की जरुरत के अधीन वन मंजूरी है। इस उद्देश्य के लिए वन विभाग के अनुमोदन के अधीन उपयुक्त भूमि खोजने की जिम्मेदारी पीपी (परियोजना प्रस्तावक) की होगी।

इसके खिलाफ, NHAI ने इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पौधे लगाने के लिए गुरुग्राम में जमीन की कमी का हवाला दिया गया। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल को सुनवाई की थी और शुक्रवार को आदेश आया। शीर्ष अदालत ने हरियाणा सरकार को वृक्षारोपण करने से पहले मामले में NHAI और प्रतिवादियों (पर्यावरणविदों) दोनों की सहमति लेने का भी निर्देश दिया।

आदेश में कहा गया कि हरियाणा याचिकाकर्ता के साथ-साथ सह-प्रतिवादियों के साथ उस लोकेशन का पता लगाने के लिए बातचीत करेगा जहां पेड़ों को फिर से लगाया जा सकता है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता को सड़क चौड़ा करने का काम करने की अनुमति दी जाती है, और सक्षम अधिकारियों द्वारा पेड़ों को काटने के लिए आवश्यक अनुमति दी जा सकती है। हम यह भी निर्देश देते हैं कि अगर किसी निर्दिष्ट स्थान पर परस्पर सहमति हो जाती है, तो उक्त स्थान पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा।

NHAI के मुताबिक गुरुग्राम डिवीजन में 36.14 हेक्टेयर के लिए वन मंजूरी दी गई थी, जिसमें 8,373 पेड़ और 3,948 पौधे शामिल हैं। रेवाड़ी संभाग में, 10.94 हेक्टेयर को साफ करने की मंजूरी थी, जिसमें 4,049 पेड़, 4,137 पौधे शामिल हैं। पर्यावरणविदों ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए पहले ही 12,000 पेड़ काटे जा चुके हैं, लेकिन कोई कंपेनसेटरी एफ्रोरेस्ट्रेशन नहीं किया गया है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | गुरुग्राम (cities News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited