Hathras stampede case: 91 दिनों बाद भी गिरफ्त से बाहर 121 लोगों की मौत का गुनहगार, 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल; 11 लोगों के खिलाफ आरोप

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में पिछले दिनों साकार विश्व हरि के सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की मौत होने के बाद अब पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। दो जुलाई को सिकंदरराऊ में विश्व साकार हरि के सत्संग के वक्त भगदड़ में 121 अनुयाइयों की मौत हुई थी।

Hathras stampede case: 91 दिनों बाद भी गिरफ्त से बाहर 121 लोगों की मौत का गुनहगार, 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल; 11 लोगों के खिलाफ आरोप

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के इतिहास का हाथरस सत्संग भगदड़ हादसा सबसे बड़ा केस है। जुलाई माह में तथाकथित स्वयंभू बाबा साकार विश्व हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 भक्तों की मौत हो गई थी, जिसके बाद अब पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस ने हादसे की 91 दिन तक विवेचना करने के बाद सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। इस चार्चशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन मुख्य जिम्मेदार बाबा नारायण साकार अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। इसकी असली वजह क्या है? ये तो शासन और प्रशासन ही जानता होगा। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी जांच एजेंसियां तथाकथित स्वयंभू बाबा को गिरफ्तार करने में लंबा समय क्यों लगा रही हैं, ये सवाल आमजनमानस की जुबान पर है।

हाथरस पुलिस के सीओ सदर और इंस्पेक्टर सदर इस केस की विवेचना कर रहे थे। पुलिस ने 11 आरोपियों के ख़िलाफ़ 3200 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है। लेकिन, न्यायिक जांच आयोग का फैसला आना अभी बाकी है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होनी है। जिन 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें से 10 की कोर्ट में पेशी हो चुकी है।

10 की कोर्ट में पेशी

इससे पूर्व मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्गेश कुमार और दलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से मंजू देवी और मंजू यादव की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली गई थी, लेकिन उनकी भी रिहाई अभी तक नहीं हो पाई है।

क्या था हादसा

दरअसल, 2 जुलाइ को हाथरस फुलरई गांव में हुआ था। जहां खेत पर नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह जाटव का सत्संग था। इस संत्संग में 80 हजार लोगों के आने की परमिशन ली गई थी, लेकिन वहां अनुमान से अधिक करीब ढाई लाख भक्तों के पहुंचने की बात सामने आई। आयोजन की जिम्मेदारी नारायण साकार हरि के सेवादारों ने ही संभाल रखी थी। सत्ंसग के बाद जब बाबा भोले वहां से जाने लगे तो बड़ी संख्या में भक्त उनके चरणों की धूल लेने के लिए भागने लगे। इसी बीच एक के ऊपर एक आदमी पहुंचता गया, जिससे भगदड़ मच गई। इससे पहले डैमेज कंट्रोल होता मौतों का आंकड़ा बढ़कर 121 तक पहुंच गया। हालांकि, बाबा के रसूख के आगे अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। 121 लोगों की हत्या कहें या एक्सीडेंट दोनों ही तरह से बाबा जिम्मेदार है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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