कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को चेताया, कहा- हरसंभव रोकें जंगलों में आग की घटनाएं

उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने से रोकने के लिए अगले सीजन से पहले सभी कदम उठाए जाएं। यह बात हाई कोर्ट ने राज्य की धामी सरकार से कही है।

प्रतिकात्मक

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अधिकारी अगले सीजन से पहले उत्तराखंड में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाएं। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. एस. विश्वनाथ की पीठ उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को कहा था कि कीमती जंगलों को आग के खतरों से बचाया जाना चाहिए।

आग लगने से चार वन रक्षकों की मौत

अदालत ने कहा था कि उत्तराखंड में जंगल की आग से संबंधित मुकदमा “विरोधात्मक” नहीं है। पीठ ने कहा कि राज्य में बारिश का दौर शुरु हो गया है। पीठ ने कहा कि फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं है, लेकिन अगले सीजन से पहले आपको हरसंभव कदम उठाने होंगे। पीठ ने कहा कि हमारे सामने (पिछली सुनवाई के दौरान) बहुत अच्छी तस्वीर पेश की गई और एक सप्ताह के भीतर हमने समाचार पत्रों में पढ़ा कि जंगल में आग लगने से चार वन रक्षकों की मौत हो गई।

इस मामले में अदालत में उपस्थित एक वकील ने शीर्ष अदालत के 17 मई के आदेश का हवाला दिया, जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया गया था कि वह स्वयं, राज्य के मुख्य सचिव, न्यायमित्र, केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति के प्रतिनिधि और जंगल की आग के मुद्दे पर एक आवेदन दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता एक साथ बैठकर समाधान निकालेंगे।वकील ने कहा कि बैठकें पहले ही हो चुकी हैं तथा अगस्त में कुछ और बैठकें निर्धारित हैं।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें

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