पटपड़गंज सीट पर इस बार 3 युवाओं के बीच टक्कर, पिछली बार मुश्किल से जीते थे सिसोदिया

Delhi Assembly Election 2025: पटपड़गंज सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 226310 है जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 122194 और महिला वोटरों की संख्या महिला 104100 है। पिछले चुनाव यानी 2020 में इस सीट पर AAP और भाजपा में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। सिसोदिया मुश्किल से इस सीट पर विजयी हुए। सिसोदिया को इस सीट पर 49.51 फीसद वोट और भाजपा उम्मीदवार को 47.25 प्रतिशत वोट मिले।

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पटपड़गंज सीट पर इस बार है कड़ा मुकाबला।

Patparganj Seat: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। राजधानी में इस बार कई हाई प्रोफाइल सीटें हैं जिन पर दिग्गज उम्मीदवार खड़े हैं। इन्हीं में से एक सीट सीट पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज है। इस सीट से दिल्ली के पूर्वी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सीट बदल ली। वह इस बार जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्वी दिल्ली की इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार रविंदर नेगी, कांग्रेस के अनिल चौधरी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अवध ओझा के बीच मुकाबला है। खास बात यह है कि ये तीनों युवा उम्मीदवार हैं।

उत्तराखंड-पूर्वांचल के ज्यादा मतदाता

पटपड़गंज सीट पर सबसे ज्यादा लोग पूर्वांचल और उत्तराखंड के है। इस इलाके में मयूर विहार, मयूर विहार एक्सटेंशन और कई हाउसिंग सोसायटी और चिल्ला, कोटला, खिचड़ीपुर जैसे शहरी गांव भी हैं। यहां समृद्ध और गरीब दोनों तरह के मतदाता हैं। इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या

226310 है जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 122194 और महिला वोटरों की संख्या महिला 104100 है। पिछले चुनाव यानी 2020 में इस सीट पर AAP और भाजपा में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। सिसोदिया मुश्किल से इस सीट पर विजयी हुए। सिसोदिया को इस सीट पर 49.51 फीसद वोट और भाजपा उम्मीदवार को 47.25 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही उसका वोट प्रतिशत 1.98 रहा।

टूटी सड़कें, गंदा पानी, अनधिकृत कॉलोनियां बड़े मुद्दे

सिसोदिया इस बार इस सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने मोटिवेशनल गुरु अवध ओझा को टिकट दिया है। ओझा पूर्वांचल से आते हैं। उन्होंने अपना जन संपर्क अभियान भी तेज किया है। यहां टूटी सड़कें, गंदा पानी, अनधिकृत कॉलोनियां और झुग्गियां बड़े मुद्दे हैं। राजमार्ग से सटा होने की वजह से इस इलाके में जाम की समस्या भी आम है। लोगों का कहना है कि सड़कें टूटी हैं और जगह-जगह गंदगी और कूड़े का ढेर है। लोग जन सुविधाओं में कमी की शिकायत करते हैं। जानकारों का मानना है कि चूंकि, इस बार सिसोदिया चुनावी मैदान में नहीं है, ऐसे में AAP के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं है। भाजपा इस सीट पर मजबूत है। ऐसे में थोड़े से मतदाता यदि आप से छिटके या कांग्रेस ने सेंधमारी की तो इस सीट पर भाजपा की जीत की राह आसान हो सकती है।

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भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया

पटपड़गंज सीट भाजपा आज तक जीत नहीं पाई है। इस सीट पर साल 1993 से लगातार चार बार चुनाव कांग्रेस ने जीता। इस सीट से अशोक वालिया 1993 से 2008 तक विधायक रहे। इसके बाद यहां मनीष सिसोदिया ने चुनाव जीता। इस बार भाजपा की कोशिश इस सीट पर अपने सूखे को खत्म करने की है। यह सीट जीतने के लिए उसने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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