जहां से कंगना लड़ रही चुनाव, वहीं है देश का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ; लेकिन शून्य मतदान की आशंका
भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनोट को अपना उम्मीदवार बनाया है। क्या आप जानते हैं कि मंडी निर्वाचन क्षेत्र में ही भारत का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी है। लेकिन इस बार इस मतदान केंद्र पर लोगों ने मतदान का बायकॉट कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी कंगना रनोट
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की कुल 4 सीटें हैं। फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनोट (kangana Ranaut) के चुनावी मैदान में उतरने से हिमाचल में भी लोकसभा चुनाव इंट्रेस्टिंग हो गया है। राज्य में सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा। यहां पर नामांकन यानी नॉमिनेशन की प्रक्रिया 7 मई से शुरू होगी, जो 14 मई तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को और नॉमिनेशन वापस लेने की अंतिम तारीख 17 मई को है। राज्य की चारों लोकसभा सीटों के लिए प्रचार भी शुरू हो चुका है। क्या आप जानते हैं देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी इसी राज्य में है। चलिए इस बारे में और जानते हैं -
हिमाचल में लोकसभा सीटेंहिमाचल प्रदेश में कुल 4 लोकसभा सीटें हैं। उनके नाम की लिस्ट यहां नीचे दी जा रही है -
- कांगड़ा (Kangra)
- मंडी (Mandi)
- हमीरपुर (Hamirpur)
- शिमला (Shimla)
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चुनाव आयोग की कोशिश है कि इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जाए। हिमाचल के कई इलाके बड़े ही दुर्गम हैं, जहां तक मतदानकर्मियों को पहुंचने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। क्या आप जानते हैं, स्पीति वैली में चीन सीमा के पास ताशीगंग देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15256 फीट की ऊंचाई पर है। यहां से चीन का बॉर्डर सिर्फ 29 किमी दूर है।
कंगना के क्षेत्र में शून्य मतदान की आशंकासाल 2019 में ताशीगंग में 100 फीसद मतदान हुआ था, लेकिन चुनाव आयोग की भरसक कोशिशों के बावजूद इस बार मतदान शून्य होने की आशंका है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के लोग रोजगार को लेकर नाराज हैं और मतदान में भाग न लेने की बात कह रहे हैं। बता दें कि ताशीगंग और गेते गांवों को कवर करने वाला यह मतदान केंद्र मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहीं पर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट और विक्रमादित्य सिंह के बीच टक्कर है।
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इन गांवों के लोग पिछले कई वर्षों से लोक निर्माण विभाग (PWD) के लिए दैनिक मजदूरी करके अपने घर-परिवार का खर्च चला रहे थे। लेकिन पिछले दिनों इन लोगों को अचानक काम से हटा दिया गया। इसकी वजह से अब इन लोगों के पास आजीविका का साधन भी नहीं बचा है। यहां के लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं।
ताशीगंग में कितने मतदाताचुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह हर उस जगह मतदान की व्यवस्था करे, जहां कोई एक मतदाता भी मौजूद हो। फिर ताशीगंग में तो 52 मतदाता हैं, जिनमें से 22 महिलाएं हैं। यहां ताशीगंग और गेते दोनों गांवों की कुल जनसंख्या मात्र 75 है। साल 2019 में यहां कुल 48 मतदाता और सभी ने मतदान किया था। लेकिन इस बार ग्रामीणों ने मतदान से दूर रहने का मन बनाया है।
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