1933 में बने ब्रिज की जगह यहां बन रहा नया सिग्नेचर ब्रिज, अटल सेतु से है खास समानता

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के बाद यह देश का दूसरा ऐसा ब्रिज होगा, जिसमें ऑर्थोट्रोपिक या सॉलिड स्टील प्लेट डेक होगा। यह केबल ब्रिज 607 मीटर लंबा और चार लेन जितना चौड़ा है। इसकी लागत 174 करोड़ रुपये है। दिसंबर 2025 में नया सिग्नेचर ब्रिज खोल दिया जाएगा।

Hugli River cable bridge

हावड़ा सिग्नेचर ब्रिज

हावड़ा: पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में करीब सौ साल पुराने बोस्ट्रिंग ब्रिज की जगह सिंगल-पाइलन केबल-स्टे रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण किया जा रहा है। अटल सेतु या मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के बाद यह देश का दूसरा ऐसा ब्रिज होगा, जिसमें ऑर्थोट्रोपिक या सॉलिड स्टील प्लेट डेक होगा। इसको ताइवान की कंपनी वीकॉन ने डिजाइन किया है। निर्माण कार्य केबल-स्टे ब्रिज विशेषज्ञ एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। यह केबल ब्रिज 607 मीटर लंबा और चार लेन जितना चौड़ा है। इसकी लागत 174 करोड़ रुपये है। इसके निर्माण से नीचे की जगह खाली हो जाएगी, जिसके पूर्वी रेलवे और अधिक पटरिया फैलाने के लिए आ रही बाधाएं दूर होंगी। अभी पटरियों पर ट्रैफिक अधिक होने से हावड़ा स्टेशन की ओर जाने वाली गाड़ियों को स्टेशन पहुंचने में देरी होती है। खासकर, ऑफिस टाइम पर हावड़ा पहुंचने वाली लोकल ट्रेनों को इंतजार करना पड़ता है। ये नया पुल हुबली नदी पर बन रहा है जो हावड़ा स्टेशन से मजह 200 मीटर की दूरी पर है।

यार्ड रीमॉडलिंग का काम पूरा

1933 में निर्मित 60 मीटर लंबा चांदमारी पुल (बंगाल बाबू पुल) यार्ड को संकरा बनाता है और इसके नीचे से केवल 12 ट्रैक गुजरते हैं। दिसंबर 2025 में नए पुल के चालू होने की बात कही जा रही है। तब पुल के नीचे की जगह बढ़कर 134 मीटर हो जाएगी और अधिक ट्रैक जोड़कर यार्ड को फिर से तैयार किया जा सकेगा। पुल पर काम दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन कोविड महामारी के चलते इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया था। निर्माणाधीन पुल के बगल में स्थित रूट रिले इंटरलॉकिंग केबिन को स्थानांतरित करने और उसके स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलॉकिंग बिल्डिंग बनाने के बाद यार्ड रीमॉडलिंग का काम पूरा होगा। इस काम का ठेका पहले ही दिया जा चुका है।

स्टील प्लेट डेक अभी निर्माणाधीन है। यह ऑर्थोट्रोपिक मुख्य डेक है जो पुल की खासियत है। स्टील संरचना, हल्की होने के साथ-साथ बेहतर वजन वितरण सुनिश्चित करेगी। परियोजना में लगे एक इंजीनियर ने कहा कि पुल के स्टील डेक के 11 खंडों को 56,000 बोल्टों द्वारा जगह पर रखा जाएगा। इसके विपरीत सिर्फ़ 200 मीटर दूर हावड़ा ब्रिज में कोई बोल्ट नहीं है।

4,000 टन प्रबलित स्टील का उपयोग

इस पुल से इलाके में यातायात प्रवाह में भी सुधार होगा क्योंकि नया पुल चांदमारी पुल के दो लेन के बजाय चार लेन का होगा। इससे बीटी रोड के इस हिस्से पर यातायात की दोतरफा आवाजाही हो सकती है, जबकि मौजूदा एकतरफा यातायात प्रतिबंध है। नया पुल एचएम बसु रोड की ओर जाएगा, जो जीटी रोड को हावड़ा ब्रिज से जोड़ता है। पुल निर्माण में लगभग 30,000 क्यूबिक मीटर प्रबलित सीमेंट कंक्रीट, 2,000 टन संरचनात्मक स्टील और 4,000 टन प्रबलित स्टील का उपयोग किया जाएगा। कुल मिलाकर, 81.4 मीटर ऊंचे खंभे से लटकी 54 केबलें पुल के डेक को अपनी जगह पर बनाए रखेंगी।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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