Padma Shri Awards 2024: कौन हैं 'हाथी की परी'? जिन्हें मिला पद्मश्री; जानें जंगली हाथियों से कैसा है नाता
Padma Shri Awards 2024: असम की रहने वाली 'हाथी की परी' यानी पारबती बरुआ को पद्मश्री देने की घोषणा की गई है। पारबती बरुआ पहली भारतीय महिला महावत हैं, जिन्हें इस गौरवशाली सम्मान से नवाजा जाएगा।
पारबती बरुआ को पद्मश्री पुरस्कार
असम: भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा (Padmashree Awards 2024 Announces) कर दी गई। 26 जनवरी से ठीक एक दिन पहले इन पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया। इस बार असम की पारबती बरुआ को भी पद्मश्री देने की घोषणा की गई है। पारबती बरुआ (67) भारत की पहली महिला हाथी महावत हैं, जिन्होंने सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्म श्री प्राप्त किया है। उन्होंने रूढ़िवादिता से उबरने के लिए 14 साल की उम्र में जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया था जो आज तक निरंतर चलता आ रहा है। यही कारण है कि इन्हें गौरवशाली सम्मान से नवाजा जाएगा। पारबती हाथी की परी (Hathi Ki Pari) के नाम से विख्यात हैं।
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1954 में हुई इन अवार्ड की शुरुआत
जानकारी के लिए बताते चलें कि साल 1954 में भारत सरकार ने दो सर्वोच्च नागरिकों की शुरुआत की थी, जिन्हें भारत रत्न और पद्म विभूषण कहा गया। पद्म विभूषण को तीन भागों में बांटा गया- पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग। लेकिन, 8 जनवरी 1955 को एक राष्ट्रपति अधिसूचना जारी करके इनका नाम पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री रख दिया गया।
कमेटी तय करती है किसे मिलेगा सम्मान
आपको बता दें कि पद्म पुरस्कारों के विजेताओं के नाम पद्म अवॉर्ड्स कमिटी तय करती है। इस कमिटी के सदस्यों का नाम हर साल प्रधानमंत्री तय करते हैं। जी न्यूज की खबर के मुताबिक, कमिटी की अध्यक्षता मंत्रिमंडल के सचिव करते हैं। इसमें गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और चार से छह अन्य सम्मानित सदस्य शामिल होते हैं। इन पुरस्कारों के नॉमिनेशन के लिए प्रोसेस होता है। बड़ी बात यह कि इसमें अगर आप भी चाहें तो खुद को सेल्फ-नॉमिनेट कर सकते हैं। ये नॉमिनेशन 1 मई से 15 सितंबर के बीच मंगाए जाते हैं। सभी नॉमिनेशन कमिटी के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं, जो उन नॉमिनेशन में से विजेताओं के नाम चुनती है। हालांकि, नाम फाइनल करने से पहले उनका वेरिफिकेशन किया जाता है। विजेताओं को उनकी जीवन की उपलब्धि (लाइफटाइम अचीवमेंट) और सामाजिक विकास में उपलब्धि के आधार पर चुना जाता है।
ये हस्तियां होती हैं सम्मान के पात्र
इस पुरस्कार के हकदार नस्ल, लिंग, हैसियत, व्यवसाय के आधार पर नहीं चुने जाते, बल्कि किसी भी खास गतिविधि या किसी क्षेत्र में अद्भुत या विशिष्ट उपलब्धि या योगदान देने के आधार पर चयनित होते हैं। इनमें से कुछ खास क्षेत्र हैं, जैसे-कला, सामाजिक कार्य, पब्लिक अफेयर, विज्ञान और प्रोद्योगिकी यानी साइंस एंड इंजीनियरिंग। इसके अलावा व्यापर, उद्योग या ट्रेड एंड इंडस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शिक्षा, सिविल सेवा, स्पोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों में बेहतर करने वाले विजेता चुने जाते हैं। हालांकि, PSUS में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी, (डॉक्टर और वैज्ञानिकों को छोड़कर) इन पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
आपको बता दें कि पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है, जबकि पद्म भूषण एक उच्च श्रेणी की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है तो वहीं, पद्मश्री विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
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