15500 किमी से ज्यादा रोड नेटवर्क से चीन-पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाएगा भारत, जानें कहां बनेगी सड़क
चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी होने के नाते भारत की सीमाएं कभी भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में सीमा रेखा के आसपास सड़कों का निर्माण तेजी से हो इसके लिए सरकार ने एक प्लान तैयार किया है। विशेषतौर पर बॉर्डर इलाके में सरकार ने 15 हजार 500 किमी से ज्यादा सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा है।
बॉर्डर इलाके में बिछ रहा सड़कों का जाल
भारत दुनिया में सेनाएं दुनिया में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तरी सीमा पर चीन जैसा धूर्त पड़ोसी है तो पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान जैसा आतंकवाद परस्त देश। परेशानियां म्यांमार बॉर्डर और बांग्लादेश बॉर्डर पर भी कम नहीं हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमा रेखा तक सड़कों का जाल बिछा रही है। देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए 15 हजार, 500 किमी से ज्यादा का रोड नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। यह रोड नेटवर्क देश की सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। चलिए जानते हैं इस रोड नेटवर्क के बारे में और कहां-कहां ये सड़कें बन रही हैं।
15 हजार, 500 किमी से ज्यादा लंबा रोड नेटवर्क देश के लिए राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके तहत 3600 किमी सड़कों का निर्माण हो चुका है, जबकि 6700 किमी सड़क का निर्माण अभी जारी है।
विजन-2047 के तहत मास्टर प्लानकेंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए विजन-2047 तैयार किया है। इसके मास्टर प्लान फेज-1 व फेज-2 में 5200 किमी से ज्यादा लंबा बॉर्डर रोड नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान के फेज-1 में 2379 किमी के दो लेन नेशनल हाईवे (NH) सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में बनने जा रहे हैं।
चीन बॉर्डर पर खास नजर
तस्वीर साभार : Times Now Digital
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 166 किमी सड़कों का निर्माण होगा। फेज-2 के तहत असम में 144 किमी, झारखंड में 141 किमी, पश्चिम बंगाल में 75 किमी, बिहार में 48 किमी, सिक्किम में 21 किमी के साथ ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण होगा। इन दोनों फेज के तहत सड़क निर्माण का कार्य 2047 से पहले पूर्ण कर लिए जाने का लक्ष्य है।
बॉर्डर रोड नेटवर्क पर सरकार का निवेशइस तरह का बॉर्डर रोड नेटवर्क तैयार करने में सरकार की तरफ से 75 हजार से 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए असल लागत का अनुमान डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार होने के बाद स्पष्ट हो पाएगी।
ज्ञात हो कि भारत की कुल 15 हजार 106 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती हैं। इन सीमाओं को सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। मास्टर प्लान में बॉर्डर के लिए नए दो लेन नेशनल हाईवे बनाने के लिए मौजूदा हाईवे का चौड़ीकरण किया जाएगा। यही नहीं बॉर्डर के आसपास मौजूद राजमार्गों को जोड़ने के लिए संपर्क राजमार्ग भी बनाए जाएंगे।
चीन-पाकिस्तान पर नजरपिछले पांच वर्षों में सरकार ने बॉर्डर एरिया में लगभग 3600 किमी नेशनल हाईवे बनाए हैं, जिनमें से 95 फीसद हाईवे चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के करीब हैं। दोनों मुश्किल पड़ोसी देशों की सीमाओं पर 250 नेशनल हाईवे परियोजनाओं पर काल चल रहा है। इसके तहत इन इलाकों में 6700 किमी से ज्यादा नेशनल हाईवे बनाए जाएंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited