ये है देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, मीलों-मील रेत के बीच होगा सुहाना सफर

देश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है। हर तरफ बन रहे एक्सप्रेसवे से दूरियां कम हो रही हैं। देश में एक ऐसा एक्सप्रेसवे भी बन रहा है जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होने के साथ ही रेगिस्तान के बीच से गुजरेगा। 1300 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के बारे में जानें -

रेगिस्तान के बीच फर्राटा भरने को रहें तैयार

देश में एक के बाद एक लंबे-लंबे एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। फिर चाहे वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) हो, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) हो, मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway), गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Buldelkhand Expressway) हो, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Amritsar-Katra Expressway) हो या अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway) हो। इन एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह सैकड़ों किलोमीटर दूर बसे शहरों को जोड़ने का काम करते हैं। इन एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करके सफर में लगने वाले समय में भी खासी कमी आई है। देश में एक ऐसा एक्सप्रेसवे भी बन रहा है, जिसके सफर में मीलों-मील आपको रेगिस्तान के बीच सफर करना होगा। चलिए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे का नाम और खासियत -

देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

1350 किलोमीटर लंबे देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तेजी से काम चल रहा है। नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे (701 किमी), दिल्ली-अमृतसर-कटरा 670 किमी लंबे एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) भी जल्द ही तैयार हो जाएंगे और आप उन पर फर्राटा भर पाएंगे। इसी तरह पंजाब में अमृतसर (Amritsar) से गुजरात के जामनगर (Jamnagar) के बीच अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद यह देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी लंबाई 1300 किमी होगी। इस एक्सप्रेसवे का काम अगले साल दिसंबर यानी 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा।

आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

यह एक्सप्रेसवे अमृतसर और जामनगर को करीब लेकर आएगा और NHAI ने इसके पूरा होने की समय-सीमा भी बता दी है। इस एक्सप्रेसवे का हरियाणा और राजस्थान में सैकड़ों किलोमीटर हिस्सा रेगिस्तान के बीच से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल आम लोगों की बजाय यहां के उद्योगों और व्यापारियों को होगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से अमृतसर और उसके आसपास के उद्योंगों की पहुंच सीधे गुजरात के उद्योगों तक हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे का करीब 500 किमी हिस्सा राजस्थान से गुजरेगा, जो रेगिस्तान में रेत के टीलों के बीच से होकर जाएगा।

13 घंटे कम हो जाएगी दूरी

अमृतसर और जामनगर के बीच मौजूदा दूरी 1516 किमी है, जो इस एक्सप्रेसवे के जाने से 1300 किमी रह जाएगी। अभी अमृतसर से जामगर तक 1516 किमी की इस दूरी को तय करने में 26 घंटे का समय लगता है। अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे बन जाने से न सिर्फ यह दूरी 216 किमी कम हो जाएगी, बल्कि दोनों शहरों के बीच लगने वाला समय भी 13 घंटे कम हो जाएगा। यानी नए एक्सप्रेसवे के बन जाने पर अमृतसर से जामनगर पहुंचने में सिर्फ 13 घंटे लगेंगे। एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी, जिससे दोनों शहर नजदीक आ जाएंगे।

दिल्ली के लोगों को भी होगा फायदा

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का फायदा दिल्ली-NCR के लोगों को भी होगा। यह एक्सप्रेसवे पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी देगा। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे जोड़ा जाएगा।

गुजरात से कश्मीर पहुंचना होगा आसान

इस एक्सप्रेसवे बन जाने पर गुजरात से कश्मीर पहुंचना आसान हो जाएगा। एक्सप्रेसवे का लाभ अमृतसर, बठिंडा, मोगा, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और जामनगर के लोगों को भी होगा और यह सब एक तेज रफ्तार एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे।
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