कोटा में एक और स्टूडेंट ने की खुदकुशी, 16 साल की छात्रा ने पंखे से लटककर दे दी जान

कोटा में हाल के दिनों में खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। ज्यादातर मामलों में यह बात देखी गई कि सुसाइड करने वाले ज्यादातर छात्र दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद भी रूटीन टेस्ट में अच्छे नंबर नहीं ला पाए।

Suicide in Kota

कोटा में एक और खुदकुशी

Student Suicide in Kota: राजस्थान के कोटा में एक और छात्रा की खुदकुशी का मामला सामने आया है। छात्रा रिचा सिंह की उम्र 16 साल थी और वह नीट की तैयारी कर रही थी। रिचा झारखंड के रांची की रहने वाली थी। वह कोटा के विज्ञाननगर में रह रही थी। उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नीट की तैयारी कर रही थीरिचा एलन इंस्टिट्यूट से नीट की तैयारी कर रही थी। वह ब्लेज हॉस्टल इलेक्ट्रॉनिक कॉपलेक्स रोड नंबर एक विज्ञान नगर में रह रही थी। रात को खाना खाने के बाद होस्टल में हंगामा मच गया जब गले में फंदा लगे छात्रा को उसकी साथियों ने देखा ।आत्महत्या के बाद शव को मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस प्रक्रिया जारी है।

यहां 9 महीने में 24 आत्महत्या हो चुकी हैं, और यह महज इसी साल का आंकड़ा नहीं है। हर साल इसी तरह के आंकड़े सामने आते रहे हैं। पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन मिलकर गाइडलाइन बनाता रहा है और इसी तरह से रिपोर्ट्स जयपुर में सरकार तक भी जाती रही है। सरकार भी चिंतित नजर आई है और कई बार मुख्यमंत्री भी इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। बावजूद इसके लगातार बढ़ता आत्महत्याओं का आंकड़ा कोटा पर बदनुमा दाग की तरह छा गया है।

कोचिंग छात्रों की खुदकुशी पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा की IQ टेस्ट कर बच्चों को कोचिंग के लिए भेजना चाहिए। प्रख्यात कवि कुमार विश्वास से सीखें, वह इंजीनियर बनना चाहते थे। आज बड़े कवि बनकर एक-एक शो से कमाते हैं 25 लाख रुपए। माता-पिता को बच्चों की रुचि भी देखनी चाहिए।

हाल के दिनों में खुदकुशी के मामले बढ़े

कोटा में हाल के दिनों में खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। ज्यादातर मामलों में यह बात देखी गई कि सुसाइड करने वाले ज्यादातर छात्र दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद भी रूटीन टेस्ट में अच्छे नंबर नहीं ला पाए। माता-पिता के सपनों को पूरा न कर पाने की उनके मन की कसक दूसरे तरीके से निकलने लगी। वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने लगे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर्स के मनमाने रवैये और उनके खराब बर्ताव ने इन छात्रों के मन में एक हीनता का भाव पैदा करने का काम किया। रूटीन टेस्ट के नाम पर छात्रों पर दबाव इतना बढ़ गया कि वे 24 घंटे में 16-16 घंटे की पढ़ाई करने लगे।

कोरोना के बाद बढ़े मामले

रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना के बाद कोटा में छात्रों के सुसाइड के मामले 60 प्रतिशत तक बढ़ गए। 2023 में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। साल 2022 में सुसाइड के 15 केस, 2021 में 9, 2018 में 12 और 2017 में सुसाइड के 10 केस सामने आए। मौत के ये आंकड़े बढ़ते गए हैं। (भंवर पुष्पेंद्र इनपुट)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | जयपुर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited