Dussehra 2024: उदयपुरवाटी में इस बार बदलेगी 400 साल पुरानी परंपरा, बंदूक की गोलियों से छलनी नहीं होगा रावण

Dussehra 2024: राजस्थान के उदयपुरवाटी में इस बार पिछले 400 वर्षों से जारी परंपरा बदल जाएगी। दशहरे पर इस बार रावण को गोलियों से छलनी नहीं किया जाएगा, क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं मिल पाई, जिस वजह से इस बार परंपरा में बदलाव होने जा रहा है।

udaipur wati rawan dahan

फाइल फोटो।

Dussehra 2024: राजस्थान के उदयपुरवाटी के खास दशहरा उत्सव में लगभग 400 सालों से चल रही रावण दहन की परंपरा में इस बार बदलाव देखने को मिलेगा। इस बार रावण और उसके परिवार को गोलियों से छलनी नहीं किया जाएगा। रावण पर तीर चलाए जाएंगे। यह निर्णय दशहरा कमेटी की पुलिस के साथ हुई वार्ता के बाद लिया गया। बता दें कि दादूपंथी स्वामी समाज की सामाजिक संस्था पंचायत पांचों अखाड़ों के पंच भंडारी की ओर से करीब 400 साल से रावण को गोलियों से भूनने की परंपरा चल रही है।

क्यों हो रहा बदलाव?

समिति के लोग और लाइसेंसधारी बंदूक रखने वाले लोग दशहरा मैदान में अपनी अपनी पिस्टल, बंदूक आदि लेकर पहुंचते हैं और रावण तथा उसके परिवार को गोलियों से छलनी करते हैं, लेकिन इस बार हथियार चलाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। थाना प्रभारी राजेश चौधरी ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।

पुलिस और कमेटी के बीच बैठक

थानाधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि हाल ही में बनाए गए नए नियम के तहत सार्वजनिक स्थान पर हर्ष और त्योहारों पर भी फायर नहीं किए जा सकते हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि लाइसेंसधारी भी इस कानून के दायरे में आते हैं। इसलिए स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं होगा। उन्होंने समय के साथ परंपरा और व्यवस्था में बदलाव करने का आग्रह किया, जिसको कमेटी ने स्वीकार कर लिया। कमेटी ने दशहरा उत्सव को खास बनाए रखने के लिए आतिशबाजी बढ़ाने के लिए समिति की बैठक बुलाई है। जिसमें उत्सव में बदलाव पर चर्चा की जाएगी।

वर्षों से चली आ रही परंपरा

आपको बता दे की दादूपंथी स्वामी समाज की ओर से चल रही रावण मारने की परंपरा में विधानसभा चुनाव 2018 और 2023 के दौरान आचार संहिता के बावजूद रावण के पुतले पर बंदूक से ही गोलियां दागी गई थी। तब चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से सभी लाइसेंस धारी लोगों के हथियार पुलिस थाने में जमा थे, लेकिन दशहरा समिति द्वारा प्रशासन से आग्रह करने पर रावण मरने के लिए पांच बंदूकें 1 दिन के लिए रिलीज की गई थी।

दादू पंथी पांचों अखाड़े मंत्री दयाराम स्वामी ने बताया की कानून के अनुसार परंपरा में बदलाव लाना हमारी मजबूरी है। रावण मारने के लिए इस बार बंदूकें नहीं चलाई जाएंगी। दशहरा उत्सव के आकर्षण में कमी नहीं आने देंगे, लेकिन कानून हाथ में नहीं लेंगे। तीर कमान से रावण मारने जैसा कोई वैकल्पिक रास्ता खोजा जाएगा।

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Bhanwar Pushpendra author

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