Jaipur Makar Sankranti: परिंदों की मदद के लिए, घायलों की सुरक्षा के लिए जयपुर प्रशासन ने जारी किए ये नंबर

jaipur administration: जयपुर में पतंगबाजी को लेकर पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जयपुर में पतंगबाजी के दौरान घायल होने वाले पक्षियों की मदद के लिए जगह – जगह शिविर लगाए हैं। प्रशासन और निजी संस्थाओं की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इन नंबरों पर संपर्क कर घायल पक्षियों की मदद की जा सकती है।

जयपुर में मकर संक्रांति पर घायल लोगों और परिंदों की मदद के लिए प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

मुख्य बातें
  • मकर संक्रांति पर घायलों के इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल में विशेष व्यवस्था
  • परिंदों को बचाने के लिए जगह-जगह लगाए गए शिविर, हेल्पलाइन नंबर जारी
  • बिजली गुल होने की शिकायत करने के लिए जारी किए गए नंबर

Jaipur News: जयपुर में मकर संक्रांति पर होने वाली पतंगबाजी पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो जाती है। पतंग की डोर में फंसकर परिंदे घायल हो जाते हैं। खतरनाक मांझों में फंसकर राह चलते लोग भी घायल हो जाते हैं। इस बार घायल लोगों के इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल में विशेष प्रबंध किए गए हैं। घायल पक्षियों के इलाज के लिए वन विभाग और कई निजी संस्थाओं की ओर से शिविर लगाए गए हैं। जयपुर के ये सभी चिकित्सा शिविर तीन दिनों के लिए लगाए गए हैं।

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बता दें कि वन विभाग की ओर से अशोक विहार में घायल पक्षियों का इलाज किया रहा है। घायल पक्षिय़ों के इलाज के लिए डॉक्टर के नंबर 9829022027 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर 9982128692, 8290511518 और 9414378130 जारी कर दिए गए हैं। जयपुर ग्रेटर नगर निगम की ओर से भी पक्षियों के इलाज के लिए हेल्पलाइन नंबर 0141- 2742181 जारी कर दिया गया है।

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निजी संगठनों ने यहां लगाए हैं पक्षी चिकित्सा शिविरमिली जानकारी के अनुसार पक्षी चिकित्सालय और एक निजी संस्था की ओर से कैलगिरी रोड, प्रताप नगर और हवामहल सहित 20 से अधिक स्थानों पर शिविर लगाए गए हैं। घायल पक्षी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 855984893 पर संपर्क किया जा सकता है। बता दें कि इसी तरह निजी संस्थाओं, एनजीओ और संगठनों की ओर से जवाहर नगर( हेल्पलाइन नंबर – 7073155794), लक्ष्मी मंदिर सिनेमा, टोंक रोड (हेल्पलाइन नंबर – 8239939929), चौड़ा रास्ता, लाल जैन मंदिर (हेल्पलाइन नंबर -8875310002) पर पक्षी चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं। इनसे संपर्क करके घायल पक्षियों की मदद की जा सकती है।

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