UP की राह पर राजस्थान सरकार, अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े खादिम होटल का बदला गया नाम
राजस्थान सरकार ने अजमेर में स्थित राज्य पर्यटन निगम के मशहूर होटल 'खादिम' का नाम बदलकर 'अजयमेरू' कर दिया है। सरकार का कहना है कि इस बदलाव का मकसद शहर की पुरानी संस्कृति और विरासत को बचाना है।
फाइल फोटो।
राजस्थान सरकार ने अजमेर में राज्य पर्यटन निगम के प्रसिद्ध होटल खादिम का नाम बदलकर ‘अजयमेरू’ रख दिया है। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि शहर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से यह बदलाव किया गया। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देशों के बाद सोमवार को यह आदेश जारी किया। अजमेर के रहने वाले वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर सीट से विधायक हैं।
अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़ा है होटल
आपको बता दें कि अजमेर को ऐतिहासिक रूप से ‘अजयमेरू’ नाम से जाना जाता था और प्राचीन भारतीय शास्त्रों और ऐतिहासिक ग्रंथों में इस नाम का इस्तेमाल किया गया है। अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है और ‘खादिम’ नाम इसी से जुड़ा है। दरगाह के मौलवियों को ‘खादिम’ कहा जाता है।
क्यों बदला गया होटल का नाम?
अधिकारियों ने बताया कि देवनानी ने इससे पहले आरटीडीसी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित होटल का नाम बदलने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि होटल का नाम अजमेर के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास, विरासत और पहचान को प्रतिबिंबित करना चाहिए। यह होटल पर्यटकों, अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
नाम बदलने का दिया गया था निर्देश
अधिकारियों के अनुसार, देवनानी ने अजमेर स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर हिंदू दार्शनिक स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम पर रखने का भी सुझाव दिया है। आरटीडीसी की एमडी सुषमा अरोड़ा ने निगम के निदेशक मंडल की बैठक करने के बाद होटल खादिम का नाम बदलकर ‘अजयमेरु’ रखने का आदेश दिया था। 'अजयमेरु' नाम का संबंध 7वीं शताब्दी से है, जब महाराजा अजयराज चौहान ने इस शहर की स्थापना की थी। इतिहासकारों के अनुसार, इस नाम का इस्तेमाल प्राचीन ऐतिहासिक अभिलेखों और भौगोलिक संदर्भों में भी किया गया है।
इनपुटः भाषा
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