राजस्थान नवरात्रि विशेष: यहां मां करती है अग्नि स्नान, कैसे लगती है आग आज भी रहस्य, इतना पुराना है ये मंदिर
Rajasthan: अरावली पर्वतमाला की सुरमयी वादियों में बसे उदयपुर के निकट इडाणा में स्थित है। बताया जाता है कि, करीब 5 हजार साल पुराने इस मंदिर में देवी मां खुद अग्नि स्नान करती है। इसे लेकर मान्यता है कि, मंदिर में मां के दर्शनों के लिए आने वाले हर भक्त के मन की मुराद पूरी होती है।
इडाणा मां का अद्भुत अग्नि स्नान
- यहां बिना छत के खंबों पर खड़े मंदिर में बरगद के पेड़ के नीचे विराजित हैं देवी मां
- जब भी देवी मां होती है प्रसन्न, तो स्वयं करती हैं अग्नि स्नान
- हजारों वर्षों से जलने के बाद मूर्ति का कुछ नहीं बिगड़ा
बताया जाता है कि, करीब 5 हजार साल पुराने इस मंदिर में देवी मां खुद अग्नि स्नान करती है। इसे लेकर मान्यता है कि, मंदिर में मां के दर्शनों के लिए आने वाले हर भक्त के मन की मुराद पूरी होती है। मेवाड़ इलाके के कई गांवों के लोग मां इडाणा की कुलदेवी के स्वरूप में पूजा करते हैं। इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु मां का सेवक है। मंदिर में चुनरी के अलावा त्रिशुल चढ़ाने की परंपरा है। बताया जाता है कि, यहां लकवा ग्रस्त लोगों को मां ठीक कर देती है। इडाणा मां के दर्शनों के लिए देश भर से लोग आते हैं।
कैसे लगती है आग अभी भी रहस्य
उदयपुर से 60 किमी दूरी पर अरावली की पहाड़ियों की तलहटी के बीच स्थित गांव बम्बोरा में माता रानी इडाणा का मंदिर है। मंदिर को मेवाड़ की प्रमुख शक्तिपीठ मानी जाती है। यहां बिना छत के खंबों पर खड़े मंदिर में बरगद के पेड़ के नीचे देवी मां विराजित हैं। इलाके के लोगों की दतं कथाओं के अनुसार जब भी देवी मां प्रसन्न होती है तो स्वयं अग्नि स्नान करती हैं। इस मौके पर अगर कोई मां से कुछ मांगता है तो उसकी मंशा पूरी होती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक हजारों साल पुरानी श्री शक्ति पीठ इडाणा माता मंदिर में
अग्नि स्नान की परम्परा है। मंदिर को हजारों साल पुराना बताया जाता है। इस शक्तिपीठ की खास बात ये है कि, यहां मां की मूर्ति कभी भी अग्नि स्नान के लिए प्रज्जवलित हो जाती है। इसके बाद अग्रि स्वयं बंद हो जाती है। आग कैसे लगती है, कैसे अपने आप बुझ जाती है, ये बात आज भी लोगों के लिए रहस्य है। अभी तक इसका कोई पता नहीं लगा पाया। इसमें एक रोचक बात ये भी लोग बताते है कि, मां की मूर्ति जब आग से धधकती है तो माता रानी के अंग वस्त्रों व शृंगार नहीं जलता, वहीं हजारों वर्षों से जलने के बाद मूर्ति का कुछ नहीं बिगड़ा। हालांकि लोगों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद व कपड़े आग में जलकर स्वाहा हो जाते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | जयपुर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
झांसी-खजुराहो हाईवे पर बड़ा हादसा, ट्रक ने कार को मारी टक्कर, 3 लोगों की मौत
दिल्ली के AQI में सुधार, अभी भी बेहद खराब हवा, इन राज्यों में भी बढ़ा पॉल्यूशन
सौर ऊर्जा का हब बनेगा बुंदेलखंड, यहां पर 800 मेगावॉट बिजली का होगा उत्पादन; 620 करोड़ से रोशन होंगे आपके घर
KDA में जुड़ेंगे कानपुर नगर-देहात के 80 गांव! किसानों की होगी चांदी; आपके गांव तक पहुंचने वाला है शहर
Noida Metro: एक्वा मेट्रो लाइन मेट्रो रूट का ग्रेनो तक होगा विस्तार, सेक्टर-51 से यहां जाना होगा आसान
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited