राजस्थान में फिर वार-पलटवार, इशारों ही इशारों में सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की कोरोना से कर दी तुलना

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जंग कम होने का नाम नहीं ले रही है। सचिन पायलट ने पर्चा लीक मामला और रिटायर नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर निशाना साधा तो सीएम गहलोत ने उन्हें इशारों ही इशारों में कोरोना बता दिया।

Sachin Pilot, Ashok Gehlot

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कोरोना बताया

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच तल्खी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। बजट प्री मीटिंग में अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले 4 साल में हमें जितना काम करना चाहिए था हम नहीं कर पाए ऊपर से हमारी पार्टी में एक कोरोना भी आ गया। ऊपर से विधानसभा उपचुनाव और राज्यसभा चुनाव निधि कार्यकर्ताओं से मेरी कुछ दूरी बढ़ा दी थी। जानकारों के मुताबिक यहां अशोक गहलोत के तंज भाषा मे कोरोना का मतलब सचिन पायलट से लगाया जा रहा है। सीएम गहलोत के इस बयान के बाद दोनों नेताओं के बीच तल्ख़ियां और भी बढ़ने की संभावना है।

पायलट ने पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार को घेरा

एक दिन पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पेपर लीक मामले को लेकर बुधवार को राजस्थान की अशोक गहलोत नीत सरकार पर फिर से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बड़े सरगनाओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम गहलोत ने कहा था कि इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वे 'सरगना' ही हैं।

रिटायर नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों पर उठाए सवाल

झुंझुनूं के गुढ़ा में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बजाय रिटायर नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों पर उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी शाम को रिटायर होता है और आधी रात को उसे अन्य राजनीतिक पद पर नियुक्त कर दिया जाता है। पायलट ने कहा कि अपना खून-पसीना बहाकर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलना चाहिए। पिछले चार साल में कई राजनीतिक नियुक्तियां हुई हैं। बड़े अधिकारियों को फर्क नहीं पड़ता कि शासन कांग्रेस का है या भाजपा का। वे तो शासन की नौकरी करते हैं। उन लोगों को भी अगर हमें नियुक्ति देनी है तो अनुपात बेहतर होना चाहिए।

पायलट और गहलोत में 'सत्ता का संघर्ष'

पायलट की ताजा टिप्पणी को राजस्थान में कांग्रेस के भीतर 'खींचतान' के ताजा उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है जहां पायलट और गहलोत में 'सत्ता का संघर्ष' चल रहा है। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राज्य से गुजरने के दौरान इन दोनों नेताओं के 'मतभेद' दूर होते दिख रहे थे।

हर कोई पूछ रहा है पायलट कब बनेंगे मुख्यमंत्री

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी बैरवा और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि राज्य के लोग, विशेष रूप से युवा चाहते हैं कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए। पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गुढा ने कहा कि हर कोई पूछ रहा है कि पायलट कब मुख्यमंत्री बनेंगे। लोग इंतजार कर रहे हैं। बैरवा ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि पायलट की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी कब होगी और मैं उनसे कहता हूं कि पार्टी आलाकमान उचित समय पर फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में तभी दुबारा सत्ता में आएगी जब पायलट लोगों का आह्वान करेंगे।

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