Best place to Visit in Jaipur : न्यू ईयर पर परिवार को ले जाएं जयपुर के इन खास मंदिरों में, यहां मिलेगा आपको अलग सुकून
Best place to Visit in Jaipur : गुलाबी नगर के नाम से फेमस इस शहर में आपको धार्मिक कुंड, मंडप, प्राचीन मंदिर और कई धार्मिक स्थल देखने को मिलेंगे। रजवाड़ी कालखंड में यहां के राजाओं ने प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया था। जिनमें आपको राजपूताना वैभव व बेजोड़ स्थापत्य कला देखने को मिलेगा। इस बार अगर आप न्यू ईयर को बेहतरीन तरीके से सेलिब्रेट करने का प्लान गढ़ रहे हो तो जयपुर के अति प्राचीन मंदिर आपके परिवार के लिए एक बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन हो सकते हैं।
जयपुर के मोती डूंगरी स्थित प्रसिद्ध गणेश जी की प्रतिमा। (फाइल फोटो)
- गोविंद देव जी का मंदिर है गिनीज बुक में दर्ज
- मंगल कार्यों की शुरुआत होती है मोती डूंगरी गणेश मंदिर से
- आमेर की शीला माता की उपासना करता है पूरा जयपुर
जिनमें आपको राजपूताना वैभव व बेजोड़ स्थापत्य कला देखने को मिलेगी। इस बार अगर आप न्यू ईयर को बेहतरीन तरीके से सेलिब्रेट करने का प्लान गढ़ रहे हो तो जयपुर के अति प्राचीन मंदिर आपके परिवार के लिए एक बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन हो सकते हैं। यहां आपको 4 से 10 किमी की दूरी पर कई प्राचीन मंदिर देखने को मिलेंगे जो आपकी ट्रिप को एक कभी ना भूलने वाले पलों में बदल देंगे। अपने न्यू ईयर को बेहतरीन तरीके से मनाने के लिए परिवार सहित आइए जयपुर के इन मंदिरों में जहां शीश नवाने के बाद आपको एक अलग की खुशी मिलेगी।
आमेर में विराजित है कुलदेवी मां शीलाजयपुर से करीब 9 किमी की दूरी पर स्थित है आमेर दुर्ग। जयपुर राजघराने की कुलदेवी शीला माता का मंदिर है यहां। मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक यहां का पूर्व राज परिवार देवी की अनवरत आराधना करता आ रहा है। नवरात्रों में मां के दरबार में हाजिरी लगाने पूरा गुलाबी शहर उमड़ता है। मंदिर में आपको देवी के दशर्न करने सहित अद्भुत स्थाप्त्य कला देखने को मिलेगी। इसके अलावा यहां पर पुराना राजसी वैभव व जयपुर शहर को निहारने का मौका मिलेगा।
मोती डूंगरी के गणेश को लगता है मोदकों का भोगजयपुर के परकोटे के बाहरी एरिया में जेएलएन मार्ग पर स्थित है मोती डूंगरी का गणेश मंदिर। यहां भगवान गजानन की विशाल प्रतिमा विराजित है। जयपुर के लोगों के लिए हर मंगल कार्य की शुरुआत इस मंदिर से होती है। इस मंदिर का निर्माण साधारण नागर शैली में करवाया गया है। यहां हर बुधवार को मेला लगता है। आपको परिवार सहित दर्शन करने पर एक सुखद अनुभूति महसूस होगी। यहां पर श्रद्धालुओं की ओर से खास बेसन के बने लड्डुओं के विशेष प्रसाद का भोग लगाया जाता है। जयपुर में मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास ही स्थित है बेहद खूबसूरत बिरला मंदिर। यह लक्ष्मीनारायण मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण में सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें मंदिर के अलावा आपको एक बहुत ही सुंदर उद्यान में आराम करने का मौका मिलेगा।
इस वजह से गोविंद देव जी दर्ज हैं गिनीज बुक मेंजयपुर के परकोटे में यहां के पूर्व राजपरिवार के महल सिटी पैलेस केंपस में स्थित है गुलाबी नगरी के आराध्य भगवान गोविंद का मंदिर। इतिहासकारों के मुताबिक गोविंद देव जी को जयपुर का पूर्व राज घराना अपने मुखिया के तौर पर पूजता था। मंदिर की सबसे अहम खासियत ये है कि बहुत कम स्तंभों पर निर्मित होेने के कारण गोविंद देव जी मंदिर के सभागार को गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि, जयपुर के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय की ओर से भगवान कृष्ण की प्रतिका को वृंदावन से यहां लाकर मंदिर में स्थापित किया गया था। भगवान गोविंद देव जी को सिर्फ मंदिर में बने मोदकों का ही भोग लगाया जाता है। वहीं पूजा के बाद गोविंद देव जी को सात आरतियों द्वारा रिझाया जाता है।
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