Jaipur: थार के धोरों में कुलांचे भरते हैं यहां हिरण, सैलानी परिंदों को निहारने आते हैं देश-विदेश के सैलानी

Best Places to Visit Near Jaipur 2023: जयपुर से महज 200 किमी की दूरी पर स्थित है अद्भुत टूरिस्ट प्लेस ताल छापर ब्लैकबक अभ्यारण्य। यहां आपको रेगिस्तानी धोरों के बीच स्थित घास के मैदानों में कुलांचे भरते काले हिरण दिखेंगे। विदेशी प्रजातियों के पक्षियों की सैंकड़ों प्रजातियों का कलरव सुनाई देगा। यहां पर आप टेंट में रुककर जंगली जीवों को नजदीक से निहार सकते हैं।

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जयपुर के निकट है अद्भुत पर्यटन स्थल ताल छापर ब्लैकबक सेंचुरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • जयपुर से 200 किमी दूर थार के डेजर्ट में स्थित है ताल छापर अभ्यारण्य
  • जंगल में काले हिरणों की छलांगे देख पर्यटक होते हैं रोमांचित
  • पक्षियों की सैंकड़ों प्रजातियों को देखने देश-विदेश से आते हैं सैलानी

Best Places to Visit Near Jaipur 2023: फिलहाल विंटर वेकेशन जारी है, ऐसे में आप अगर किसी खास टूरिस्ट प्लेस पर घूमने का प्लान बना रहे हो तो जयपुर के निकट एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। यहां आपको थार का मरुस्थल देखने का तो मौका मिलेगा ही।

इसके अलावा रेगिस्तान के धोरों में उनमुक्त कुलांचे भरते एंटीलोप प्रजाति के सबसे खूबसूरत हिरण देखने का मौका भी मिलेगा। यहां की एक और खास बात आपको हैरान करेगी कि, ताल छापर ब्लैकबक अभ्यारण्य में कई देशों से शीत प्रवास पर आए सैलानी परिंदों की करीब 350 प्रजातियां दिखेंगी। वहीं सर्द हवाओं के बीच अभ्यारण्य में रात में कैंप फायर का मजा लेने सहित यहां के देशी लजीज पकवान भी आपको खूब भाएंगे। जयपुर से करीब 200 किमी की दूरी पर स्थित है ताल छापर अभ्यारण्य। यहां पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर है। जबकि रेलवे स्टेशन की दूरी 5 किमी है।

काले हिरणों की शरण स्थली है ताल छापर

डीएफओ सविता दहिया ने बताया कि, करीब 820 हेक्टेयर में सपाट घास के मैदान पर हजारों की तादाद में यहां काले हिरण अपना बसेरा बनाए हुए हैं। वर्तमान में यहां पर करीब 3500 काले हिरण मौजूद हैं। इसके अलावा आपको यहां इस मौसम में कई प्रजातियों की रंग- बिरंगी तितलियां देखने को मिलेगी। वहीं मॉनिटर लिजर्ड, स्पाइनी टेल्ड लिर्जड, डेजर्ट फॉक्स, जंगल केट, पारक्यूपाइन, हायना, चिंकारा, डेजर्ट रैबिट व नील गाय के अलावा कई तरह के रेप्टाइल्स यहां पाए जाते हैं। डीएफओ के मुताबिक, अभ्यारण्य में सैलानियों के लिए वॉच टॉवर व सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। इसके अलावा जंगल में बनाए गए टेंट में नाइट स्टे कर पर्यटक जंगली जीवों को नजदीक से निहार सकते हैं।

सैलानी परिंदों की सैंकड़ों प्रजातियां बसती है यहां

डीएफओ सविता दहिया ने बताया कि, सितंबर की शुरूआत में यहां पर अफगानिस्तान के कंधार से हजारों की तादाद में कुरजां डेमासाइल क्रेन आती हैं। इसके अलावा मिडिल यूरोप, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, व हिमालय के तराई वाले इलाकों से कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी शीत प्रवास पर यहां आते हैं। वहीं ताल छापर से महज 37 किमी की दूरी पर धार्मिक पर्यटन नगरी सालासर धाम भी है। जहां आपको दाढ़ी मूंछ वाली हनुमान जी की सैंकड़ों साल पुरानी प्रतिमा के दर्शन करने का मौका मिलेगा।

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